सुनंदा पुष्कर केस: कोर्ट ने खारिज की बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की यह मांग
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। जिसमें स्वामी ने कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में सबूतों से कथित छेड़छाड़ पर विजलेंस रिपोर्ट साझा करने के लिए पुलिस को निर्देश देने का अनुरोध किया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने कहा कि उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है।
जज ने कहा कि हत्या के मामले की गहन जांच के लिए जनहित याचिका दायर करने उनको कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि बचाव पक्ष की यह दलील सही है कि पुलिस अपने स्तर पर जांच कर चुकी है। साथ ही अभियोजन के वकील पूरे मामले पर उचित तरीके से अपना पक्ष रख रहे हैं। ऐसे में इस मामले में तीसरे पक्ष की सहायता की कोई आवश्यकता ही नहीं है।
बता दं कि कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 को दक्षिण दिल्ली के लीला पैलेस होटल में एक मृक पाई गई थीं। इसके बाद पुलिस ने शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए (महिला को पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता से अपने वश में करना) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया था लेकिन अभी तक थरूर की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
दिल्ली पुलिस ने 3000 पन्नों की चार्जशीट में आरोप लगाया है कि थरूर ने सुनंदा पुष्कर के साथ काफी हिंसक व्यवहार किया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, सुनंदा पुष्कर के शरीर पर इंजेक्शन के निशान थे। होटल के जिस कमरे में उनकी लाश मिली वहां नींद की गोलियां भी पाई गई थीं। थरूर और उनकी पत्नी सुनंदा उस वक्त होटल में ठहरे हुए थे, जब उनका सरकारी बंगले में कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था।
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