Sunanda Pushkar case: 'समानांतर ट्रायल' नहीं चला सकता मीडिया, HC ने अर्नब गोस्वामी से मांगा जवाब
नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में 'समानांतर ट्रायल' और सुनवाई को लेकर गुरुवार को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को संयम बरतने का निर्देश दिया है और अदालत में चल रहे केस पर कोई भी बयानबाजी करने से मना किया है। कोर्ट ने साफतौर पर अर्नब गोस्वामी से हलफनामे का पालन करने का निर्देश दिया है और कहा है कि अदालत यह नहीं कह रही है कि कोई भी मीडिया को नियंत्रित करेगा लेकिन जांच की पवित्रता को बनाए रखना होगा।
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कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी से स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जब आपराधिक मामले में पुलिस की जांच चल रही है, तो मीडिया द्वारा समानांतर जांच नहीं की जा सकती है, ये बात दिल्ली हाईकोर्ट की जज मुक्ता गुप्ता ने शशि थरूर की याचिका पर सुनवाई करते हुए कही है। गौरतलब है कि शशि थरूर ने कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में जब तक जांच पूरी न हो जाए तब तक अर्णब गोस्वामी के चैनल पर मामले से संबंधित रिपोर्ट्स पर रोक लगाई जाए।
उच्च न्यायालय ने मीडिया को लेकर कही ये बात
साथ ही हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि आपराधिक सुनवाई का कोर्स करने के बाद पत्रकारिता में आना चाहिए, HC ने एक दिसंबर 2017 के आदेश का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि प्रेस किसी को दोषी नहीं ठहरा सकता है, मीडिया को किसी को दोषी नहीं साबित करना चाहिए और ना ही अनर्गल दावे करने चाहिए, मीडिया को किसी भी केस की जांच की पवित्रता को समझना चाहिए,साथ ही कोर्ट ने गोस्वामी से इस मामले में जवाब दाखिल करने को भी कहा है।
17 जनवरी 2014 को दिल्ली के फाइव स्टार होटल में मृत मिली थीं सुनंदा
आपको बता दें कि 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के फाइव स्टार होटल में सुनंदा पुष्कर मृत पाई गई थी,थरूर के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि सुनंदा पुष्कर केस में अब तक चार्जशीट नहीं फाइल हुई है, अब तक उनकी हत्या की बात भी सामने नहीं आई है लेकिन अर्णब गोस्वामी अपने कार्यक्रमों में दावे करते रहते हैं कि उन्हें शक नहीं कि सुनंदा की हत्या की गई है,आखिर वो टीवी डिबेट में ऐसे कह सकते हैं।
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