21 जून 2020 को जानिए क्यों होगा साल का सबसे बड़ा दिन, चंद पल के लिए परछाई छोड़ देगी आपका साथ
21 जून 2020 को जानिए क्यों होगा साल का सबसे बड़ा दिन, चंद पल के लिए परछाई छोड़ देगी आपका साथ
नई दिल्ली। 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस के रुप मे मनाया जाएगा। इसके साथ ही इस 21 जून2020 की एक और खास बात हैं कि ये साल का सबसे बड़ा दिन भी होता है। साल के सबसे बड़े दिन आपको कुदरत का एक और करिश्मा देखने को मिलता है इस दिन कुछ समय के लिए आपकी परछाई भी आपका साथ छोड़ देती है। आपको सुनकर हैरानी अवश्य हो रही होगी लेकिन ये सच हैं। आइए जानते हैं आखिर 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन क्यों होता हैं और इस दिन ऐसा क्या होता हैं जो हमें ही अपनी परछाई कुछ पलों के लिए दिखाई नहीं देती हैं?
इसलिए होता हैं 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन
हर साल सूर्य को जब नॉर्थ या साउथ पोल से देखा जाता है, तो साल का सबसे बड़ा दिन 21 जून होता है। इस दिन सूर्य की किरण ज्यादा देर तक रहती है और 22 दिसंबर साल का सबसे छोटा दिन इसलिए होता हैं क्योंकि इस दिन सूर्य की किरण पृथ्वी पर कम समय के लिए रहती हैं। ये साल के वो दिन होते हैं, जिसमें दिन और रात की लम्बाई में काफी अंतर होता है। 21 जून को करीब 15 से 16 घंटे सूर्य की किरणें धरती पर होती हैं। इस दिन भारत के साथ उत्तरी गोलार्ध के देशों में बड़ा दिन होता है। इस दिन सूर्य उत्तरी गोलार्ध से कर्क रेखा में आ जाता है। इस कारण सूर्य से निकलने वाली किरणें ज्यादा देर तक पृथ्वी पर रहती हैं। इसी कारण इस दिन साल का सबसे बड़ा दिन होता है। कभी-कभी 22 जून भी बड़ा दिन होता है। 1975 में 22 जून साल का सबसे बड़ा दिन था।
एक पल के लिए आपकी परछाई ही आपको दिखाई नहीं देगी
बता दें 21 जून, 2020 रविवार साल का सबसे बड़ा दिन होगा इस दिन सूर्य ग्रहण भी हैं जो अपने आप में दुर्लभ होगा। लेकिन इसी दिन कुछ पलों के लिए आपका परछायी आपका साथ छोड़ देगी । यह एक खगोलीय घटना होगी जिसके हजारों लोग साक्षी बनेंगे। ये पल 21 जून की दोपहर के समय आएगा जब आपकी परछाई आपका साथ छोड़ देगी। यदि आप धूप में खड़े होंगे तो कहीं पर भी आपकी परछाई नज़र नहीं आएगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि इस पल सूर्य कर्क रेखा के ठीक ऊपर होगा। इसलिए यह संयोग घटित होगा। 23 सौ साल पहले ग्रीक वैज्ञानिक अराटोस्थेज ने 21 जून के दिन पृथ्वी पर पडऩे वाली इमेज को मापने का प्रयास किया था। इस साल ग्रीष्म संक्रांति का क्षण भारतीय समयानुसार सुबह 3।13 पर है। और ग्रीक समयानुसार 21:43 पर है।इसके बाद दिन छोटे होना शुरू हो जाएंगे और रातें लंबी होना शुरू होंगी। 21 जून को दिन की अवधि करीब 13.45 घंटे की होगी, जबकि रात 10.35 घंटे की रहेगी। इसे समर सोल्सटाइस या ग्रीष्मकालीन संक्रात भी कहा जाता है।
जानिए कैसे दिन और रातें छोटी और बड़ी होती हैं
हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ चक्कर लगाती है। इसलिए मार्च और सितंबर के बीच उत्तरी गोलार्ध सूर्य के संपर्क में ज्यादा रहता है। उत्तरी गोलार्ध पर आमतौर पर 20,21 और 22 जून को सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी पड़ती है। इसी तरह दक्षिण गोलार्ध पर 21, 22 और 23 दिसंबर को सबसे ज्यादा सूर्य की रोशनी पड़ती है। सिर्फ इसी दिन सूर्य अपने सबसे ऊंचे प्वाइंट पर पहुंचकर मैक्सिको, उत्तरी अफ्रीका, भारत, अरब देश और दक्षिण चीन से गुजरता है। जब दक्षिण गोलार्ध में बड़ा दिन होता है तब उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबी रातें होती है। इसलिए ही उत्तरी गोलार्ध के देशों में 21, 22 और 23 दिसंबर को दौरान सबसे छोटे दिन होते हैं। बता दें पृथ्वी का अपना भ्रमण है जिसके चलते 23.50 डिग्री झुकी होती है। इस कारण दिन एवं रात होते हैं। अभी सूर्य उत्तरी गोलाद्र् से होकर गुजर रहा है और पृथ्वी के इस भाग में दिन लंबे हैं। इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध में दिन छोटे और रातें लंबी हैं। इसके अलावा यहां गर्मी का मौसम है तो दक्षिण गोलार्द्ध में सर्दी है। यहां गर्मी होने के चलते सूर्य की किरणें सीधी पड़ रही है। ये किरणें दक्षिण में तिरछी पडऩे के कारण अभी वहां सर्दी का मौसम है। यह चक्र पूरे साल चलता है।
वर्ष में दो बार होता हैं सॉल्स्टिस
संक्रांति यानि सॉल्स्टिस एक खगोलीय घटना है जोकि दो बार, एक गर्मियों में और एक बार सर्दियों में होती है। हर साल सूर्य को जब नॉर्थ या साउथ पोल से देखा जाता है, तो साल का सबसे बड़ा दिन 21 जून होता है। इस दिन सूर्य की किरण ज्यादा देर तक रहती है और 22 दिसम्बर साल का सबसे छोटा दिन होता है, क्योकि इस दिन सूर्य की किरण पृथ्वी पर कम समय के लिए रहती हैं। ये साल के वो दिन होते हैं, जिसमें दिन और रात की लम्बाई में काफी अंतर होता है। यह एक सामान्य घटना है जो हर साल होती है।
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