गुजरात का नाम सुनते ही सुल्तान अलीमुद्दीन को आते थे बुरे ख्याल, नरेंद्र मोदी से मुलाकात ने बदल दी सोच
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के 8वें दीक्षांत समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित भी किया। दीक्षांत समारोह के बाद इसी यूनिवर्सिटी के एक पूर्व छात्र अलीमुद्दीन सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं, इसकी वजह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर उनकी एक पोस्ट। अलीमुद्दीन की पोस्ट को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी शेयर किया है।
नरेंद्र मोदी को दी पवित्र कुरान
अलीमुद्दीन ने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आज मेरी यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह है, जहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि हैं। यूनिवर्सिटी के पुरा छात्र के रूप में मेरी वहां से कई यादें जुड़ी हैं। मैंने अपने जीवन में कई बार नरेंद्र मोदी सर से मुलाकात की। एक बार तो मैंने उन्हें पवित्र कुरान भी दी थी। उन्होंने दूसरी ट्वीट में बताया कि उनकी पीएम मोदी से मुलाकात महज एक संयोग थी। उन्होंने सरकार के कामकाज पर एक ट्वीट किया था। जिसके बाद सीएमओ ने उन्हें एक बैठक के लिए आमंत्रित किया। ये उनकी नरेंद्र मोदी से 6 मुलाकातों में पहली थी। इसमें उनके साथ मेहसाणा जाना भी शामिल था।
कैसे बदला विचार?
उन्होंने आगे लिखा कि मैं पीडीपीयू में अध्ययन करने के लिए 2008 में गुजरात आया था। उस समय मैं गुजरात आने के फैसले से खुश नहीं था। मेरे दिमाग में गुजरात का मतलब दंगे और भूकंप थे। मेरे दोस्तों ने मुझे गुजरात से दूर रखने के लिए कहा, लेकिन मोदी सर के साथ मेरी बातचीत ने मेरी धारणा और मानसिकता बदल दी। अलीमुद्दीन के मुताबिक मार्च 2010 में सभी समाचार पत्रों के पहले पेज पर नरेंद्र मोदी और उनसे संबंधित एसआईटी रिपोर्ट छपी थी। अप्रैल में खुद नरेंद्र मोदी ने उन्हें मुलाकात के लिए बुलाया। उन्होंने कहा कि मोदी सर ने अपनी एक बैठक में मुझे जो बताया वह मैं कभी नहीं भूलूंगा। उन्होंने कहा, 'मैंने मुसलमानों के लिए कुछ नहीं किया है, लेकिन, कृपया ये भी ध्यान दें कि मैंने हिंदुओं, जैन, सिखों के लिए कुछ भी नहीं किया है। मैं सिर्फ 5 करोड़ गुजरातियों के लिए किया है।
अलग सा लगने लगा गुजरात
अलीमुद्दीन ने आगे कहा कि इतना सुनने के बाद नरेंद्र मोदी के गुजरात में मुझे एक मिनट भी असहज नहीं लगा। वातावरण में कोई बेचैनी नहीं थी। सब कुछ क्रम में था। लोग मददगार थे। वातावरण में शांति महसूस की जा सकती थी, कोई पूर्वाग्रह नहीं, कोई असहिष्णुता नहीं। मेरे धर्म के कारण मेरे मार्ग में कोई बाधा नहीं थी। कॉलेज में दो दर्जन से अधिक कार्यक्रमों के प्रबंधन, संचालन और प्रायोजन प्राप्त करने के दौरान मुझे लोगों से डील करने में कोई समस्या नहीं थी। अगली मुलाकात के दौरान मोदी सर ने बताया कि कैसे वो पीडीपीयू को ऊर्जा उद्योग क्षेत्र की अहम हिस्सा बनाना चाहते हैं। उनका सपना भारत को महत्वपूर्ण तेल और गैस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।
किताब में सभी बातों का जिक्र
उन्होंने कहा कि मोदी सर चाहते थे कि हर युवा उनके लिए काम करे। मुझे यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि मोदी सर ने दिसंबर 2013 में मुझसे क्या कहा था- हार मत मानो, क्योंकि दुनिया हमेशा आपके रास्ते में अड़चन डालेगी। अगर आप लंबे समय में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं, तो बाधाओं को दोस्त बना लें। अपने सपनों का पीछा करें, आज की दुनिया में कुछ भी अस्वीकार्य नहीं है। उन्होंने अंत में कहा कि आज मैं एक प्रोफेशनल आदमी हूं, अपने करियर में आगे बढ़ रहा हूं। मैंने भारत और विदेश दोनों जगह काम किया है। विश्व स्तर पर भारत की छवि में एक बड़ा बदलाव आया है। मुझे इस बात पर गर्व है। उन्होंने पीएम मोदी के साथ जुड़े अपने अनुभव को अपनी किताब ON Point में भी लिखा है।
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