#sukma attack: क्रूरता का खौफनाक चेहरा, हत्या के बाद महिला नक्सलियों ने 6 जवानों के गुप्तांग काटे
खबर है कि सोमवार को सुकमा जिले के बुरकापाल में हुए नक्सली हमले में कई महिला नक्सलियों ने देश के 6 शहीद जवानों के गुप्तांग काट दिए।
दोरनापाल(सुकमा)। पूरा देश इस वक्त सुकमा में हुए नक्सली हमले से आहत है, इस हमले में देश के वीर जवान शहीद हुए हैं, उनकी शहादत पर जहां देश को फक्र है, वहीं आंखे नम और दिल में दर्द और सवालों का उबाल है कि देश के लाल आखिर अपनों की नफरत के शिकार क्यों हो रहे हैं?
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इस दर्द से निजात मिलेगा या नहीं इस पर अभी बहस जारी ही थी कि इस नक्सली हमले की एक और खौफनाक तस्वीर लोगों के सामने आई है, जिसे सुनकर इंसान की रूह कांप जाएगी।
बदले की भावना...
खबर है कि सोमवार को सुकमा जिले के बुरकापाल में हुए नक्सली हमले में कई महिला नक्सलियों ने देश के 6 शहीद जवानों के गुप्तांग काट दिए हैं। टीवी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बस्तर में तैनात जवानों पर अक्सर आदिवासी महिलाओं और युवतियों के साथ ज्यादती के आरोप लगते रहे हैं। इस अमानवीय कृत्य को महिला नक्सलियों की बदले की कार्रवाई के रूप में भी देखा जा रहा है।
6 शहीद जवानों के गुप्तांग काटे
कहा जा रहा है कि महिला नक्सली पूरी तरह से हथियारों से लैस थीं।बुरकापाल हमले में शामिल नक्सलियों में लगभग एक तिहाई महिला थीं, इसके चलते इस बात को और बल मिल रहा है।
सीआरपीएफ के 26 जवान शहीद
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए, और छह जवान घायल हो गए थे, जबकि 1 जवान ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ा। नक्सली शहीद जवानों के हथियार लूट ले गए । केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कहा था कि यह घातक हमला अपराह्न् 12.30 बजे उस समय हुआ, जब 14वीं बटालियन चिंतागुफा के पास दोरनापाल के जंगली इलाके में पहुंची थी।
यह दूसरा सबसे बड़ा हमला
गौरतलब है कि इसके पहले 2010 में इसी इलाके से थोड़ी दूर चिंतागुफा नामक स्थान पर नक्सली हमले में 76 जवान शहीद हुए थे। उसके बाद से अब तक का यह दूसरा सबसे बड़ा हमला है।
खौफ पैदा करना उद्देश्य
कहा जा रहा है कि ऐसी अमानवाएं घटनाएं केवल खौफ पैदा करने के मकसद से की जाती हैं। मालूम हो कि वर्ष 2007 में बीजापुर जिले के रानीबोदली में सीएएफ कैम्प पर नक्सली हमले में 55 जवान व एसपीओ शहीद हुए थे। तब नक्सलियों ने धारदार हथियार से कुछ जवानों के सिर धड़ से अलग कर दिए थे।