"केवल नाम का था NDA", पीएम ने मीटिंग बुलाकर हमें कभी नहीं बताई अपने मन की बात: बादल
नई दिल्ली। भाजपा से नाता तोड़ने के बाद, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने विश्वसनीयता खो दी थी और वह सिर्फ नाम का एक गठबंधन था। इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि, बीते 7,8,10 सालों से एनडीए सिर्फ नाम का था और एनडीए में कुछ भी नहीं था, कोई बातचीत नहीं, कोई योजना नहीं और ना ही कोई बैठक।
हमने एनडीए बनाया लेकिन एनडीए आज नहीं है: बादल
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि,मुझे पिछले 10 सालों में एक दिन भी याद नहीं है जब प्रधानमंत्री ने दोपहर के भोजन के लिए एनडीए की बैठक बुलाई हो और चर्चा की हो कि उनके मन में क्या है। गठबंधन कागज पर नहीं होना चाहिए। इससे पहले, वाजपेयी के समय में, एक उचित संबंध हुआ करता था। मेरे पिता एनडीए के संस्थापक सदस्य हैं। यह दुखद है कि हमने एनडीए बनाया लेकिन एनडीए आज नहीं है।
'पंजाब में सहयोगी के तौर पर बीजेपी को हर फैसले में शामिल किया'
सुखवीर सिंह बादल ने कहा कि अकालियों ने हमेशा राज्य में बीजेपी का साथ दिया है। उन्होंने कहा, गठबंधन वैसे ही चलना चाहिए जैसे मेरे पिता ने किया। हर फैसले के लिए वह भाजपा को बुलाते थे। जब भी हम राज्यपाल को कोई ज्ञापन सौंपने जाते, भाजपा हमारे साथ होती। राज्य में हम बड़े सहयोगी हैं और वो अल्पसंख्यक सहयोगी थे। इसके बावजूद हमने उन्हें हर फैसले के लिए विश्वास में लिया। सुखबीर सिंह बादल ने कहा, एनडीए से बाहर जाना पार्टी का सर्वसम्मत निर्णय था। जब हरसिमरत बादल ने (मोदी) मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था, मैंने कहा था कि पार्टी बैठक करेगी और निर्णय लेगी। इसके बाद पार्टी की बैठक हुई और हमने एनडीए से अलग होने का निर्यण लिया।
एनडीए से बाहर जाना पार्टी का सर्वसम्मत निर्णय: बादल
एक रिपोर्ट्स आ रही हैं कि पंजाब सरकार पूरे राज्य को 'प्रिंसिपल मार्केट यार्ड' घोषित करने पर विचार कर रही है। इस पर सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह अच्छा होगा कि पूरे राज्य को ही 'प्रिंसिपल मार्केट यार्ड' घोषित कर दिया जाए जैसा कि हमने प्रस्ताव दिया था। यह हम किसानों के लिए कर रहे हैं। कोई खेल खेलने में हमारी रुचि नहीं है। अगर पंजाब सरकार ऐसा नहीं करते हैं तो जब हम सत्ता में आएंगे तो हम करेंगे। बता दें कि, पिछले 10 दिनों में कृषि बिल का विरोध कर रही शिरोमणि अकाली दल ने रविवार शाम को एनडीए से नाता तोड़ दिया।
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