गिरिराज बोले- बाढ़ पीड़ितों को देखकर आत्महत्या का मन करता है, जदयू ने कहा- रोका किसने है
पटना। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार सरकार को कठघरे में खड़ा करने के लिए ऐसा बयान दिया, जो उन्हीं पर उल्टा पड़ गया। उन्होंने रविवार को बेगूसराय में कहा कि बाढ़ पीड़ितों की हालत देखकर उनका आत्महत्या करने का मन करता है। तभी इसके जवाब में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता और मंत्री श्रवण कुमार का बयान आया। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि आपको इससे रोका किसने है?
क्या बोले श्रवण कुमार?
गिरिराज सिंह के बयान पर श्रवण कुमार ने कहा कि आत्महत्या गलत काम है और ऐसा बयान नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन अगर दुनिया का कोई व्यक्ति इसके लिए आतुर हो जाए तो उसे कौन रोक सकता है? जदयू नेता ने कहा कि गिरिराज सिंह सच नहीं जानते हैं। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार कहा है कि खजाने पर पहला हक आपदा के पीड़ितों का है, तो वहां ऐसे विवाद को तूल नहीं देना चाहिए।
वहीं गिरिराज के बयान पर बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णानंदन वर्मा ने कहा कि वह केवल सुर्खियों में बने रहने के लिए ऐसे अजीब बयान देते हैं। गिरिराज सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय के कई वीडियो भी जारी किए हैं, जिनमें से एक में दिखाया गया है कि लोगों के बीच राहत सामग्री का वितरण नहीं किया जा रहा है। साथ ही लोगों में काफी असंतोष भी है।
अधिकारी को भी लगाई फटकार
गिरिराज सिंह ने रविवार को बेगूसराय में बाढ़ के हालात का जायजा लेने के दौरान तेघड़ा अनुमंडल अधिकारी निशांत को फटकार लगाई। ऐसा इसलिए क्योंकि जब वह बाढ़ प्रभावित इलाकों का पैदल निरीक्षण कर रहे थे, तब अनुमंडल अधिकारी अपने वाहन में ही बैठे रहे। तब नाराज होते हुए गिरिराज ने कहा, "वो बड़े आदमी हैं, गाड़ी से कैसे उतरेंगे, बाबू हैं वो।" इसके बाद जब अधिकारी उनके पास आया को उन्होंने कहा, "रास्ते भर आपकी जितनी तारीफ सुनी है, वो देबारा ना सुनने को मिले। ऐसी तारीफ से बचें। बोलते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। सभी लोग आपके विरोध में बोल रहे हैं।"
धरना देने की बात कही
मंत्री ने अधिकारी के सामने धरना देने की बात भी कही। उन्होंने कहा, "अगर इस इलाके में पांच पंचायतों के लिए राहत शिविर नहीं लगा तो आपके सामने धरना दूंगा। हम जनप्रतिनिधि हैं और आपका दायित्व हमसे अधिक बनता है।" उन्होंने अधिकारी को चेताते हुए कहा कि "गलतफहमी में ना रहें और खुद को अनुमंडल अधिकारी के दायरे में ही रखें।"