गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ा, सरकार ने 255 से 275 रुपये प्रति क्विंटल किया
नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने गन्ने के समर्थन मूल्य में इजाफा कर दिया है। गन्ने का समर्थन मूल्य 255 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 275 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला लिया गया। बता दें कि सरकार ने इसी महीने खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का फैसला लिया था। इस फैसले में सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 200 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ाया था।
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गन्ने के समर्थन मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा
केंद्रीय कैबिनेट गन्ना किसानों खास तोहफा देते हुए गन्ने के समर्थन मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा करने का फैसला किया है। इस मामले में खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से कैबिनेट को प्रस्ताव भेजा गया था। इसमें गन्ने की कीमत में 20 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया गया था।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया फैसला
दरअसल गन्ने का दाम हर साल इसकी खेती का सीजन शुरू होने से पहले घोषित किया जाता है। इसे फेयर एंड रीम्यूनेरेटिव प्राइस (एफआरपी) कहते हैं। चीनी मिल इस कीमत पर किसानों से गन्ना खरीदती है। हालांकि इसमें एक शर्त भी रहती है। इसके मुताबिक किसानों को नई कीमत का फायदा 10 प्रतिशत रिकवरी होने के बाद ही मिलेगा। रिकवरी का मतलब गन्ने से बनी चीनी की मात्रा होती है।
खरीफ फसलों की MSP बढ़ाने के बाद सरकार का बड़ा फैसला
इससे पहले सरकार ने 4 जुलाई को हुई कैबिनेट की बैठक में 14 फ़सलों के समर्थन मूल्य बढ़ाने का ऐलान किया था। केंद्र ने धान के समर्थन मूल्य में 200 रुपये का इजाफा किया। सरकार ने जिन फसलों के एमएसपी को बढ़ाने का फैसला किया उसके अनुसार, धान की एमएसपी 1550 रुपए से बढ़कर 1750 रुपए प्रति क्विंटल और धान ए ग्रेड की कीमत 1590 रुपए से बढ़ाकर 1770 प्रति क्विंटल करने का फैसला किया गया है। रागी की एमएसपी 52.5 फीसदी, ज्वार की एमएसपी में 42 फीसदी, बाजरा में 36.8 फीसदी और मूंग में 25.1 फीसदी का इजाफा करने का फैसला किया गया है। तुअर की एमएसपी में सिर्फ 4.1 फीसदी और उड़द में 3.7 फीसदी ही इजाफा किया गया है।