12 लाख महीने की नौकरी छोड़, चुनावी अखाड़े में नेताओं की बोलती बंद करेगा ये उम्मीदवार
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में राजनीतिक दलों ने अपने-अपने चुनावी समीकरण बैठाने शुरु कर दिए हैं। उम्मीदवारों को लेकर भी चर्चा शुरु हो गई है। इसी गहमागहमी के बीच मध्यप्रदेश के चुनावों में एक ऐसा उम्मीदवार ताल ठोकने वाला है जिस में भले ही शारिरिक तौर पर कुछ कमी है लेकिन इरादे बेहद मजबूत हैं। देश में पहली बार एक मूक-बधिर युवक विधानसभा चुनाव में उतरने वाला है। इंफोसिस में 12 लाख रुपए प्रतिमाह की सैलरी की सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर सतना के 36 वर्षीय सुदीप शुक्ला चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हुए हैं। सुदीप का कहना है कि वो मूक-बधिरों और गरीब जनता की आवाज बनना चाहते हैं। उनका कहना है कि हमारे जनप्रतिनिधि बोल सकते हैं लेकिन आम जनता के मुद्दों को लेकर वो मूक हैं, मैं बोल नहीं पाता पर चुप नहीं बैठ सकता।
सुदीप सतना से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और उनका कहना है कि दो क्षेत्रीय दल भी उन्हें देने के लिए तैयार हो गए हैं। चुनावी तैयारियों के बीच सुदीप शहर-शहर जाकर सांकेतिक भाषा के जानकारों से मिल रहे हैं। सतना में उन्होंने वॉलेंटियर्स की टीम भी तैयार कर ली है।
पत्नी भी हैं मूक-बधिर
सुदीप
ने
भोपाल
के
आशा
निकेतन
विद्यालय
से
हायर
सेकंडरी
की
पढ़ाई
करने
के
बाद
चेन्न्ई
से
बीकॉम
व
एमएससी
(आईटी)
की
पढ़ाई
की।
पढ़ाई
के
बाद
बैंगलुरू
में
2006
से
ही
इंफोसिस
में
नौकरी
की।
यहीं
उनकी
मुलाकात
सॉफ्टवेअर
इंजीनियर
दीपमाला
से
हुई।
सुदीप
व
उनकी
पत्नी
दीपमाला
ही
परिवार
में
मूक-बधिर
हैं।
सुदीप
के
कारण
ही
उनकी
एक
बहन
श्रद्धा
ने
सांकेतिक
भाषा
का
कोर्स
किया
और
वे
सुदीप
की
बातों
को
अन्य
लोगों
तक
पहुंचाती
है।
ये
भी
पढ़ें:-
क्या
छत्तीसगढ़
में
इतिहास
रचेंगे
रमन
सिंह,
जानिए
क्या
कहते
हैं
उनके
सितारे?
यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई
सुदीप ने बताते हैं कि मूक-बधिर युवक-युवतियों के साथ कई बार यौन शोषण होता है। मध्य प्रदेश में भी क्राइम रेट बढ़ता जा रहा है। सुदीप इंदौर में उन बच्चों से मिले जो शेल्टर होम में यौन शोषण का शिकार हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसी दल ने शोषित बच्चों का साथ नहीं दिया, इनके लिए आवाज नहीं उठाई। सुदीप कहते हैं कि ऐसी घटनाओं ने उन्हें विचलित किया और इसके बाद उनके मन में चुनाव लड़कर उनकी बात विधानसभा में उठाने का विचार आया।
तीन देशों में मूक-बधिर जनप्रतिनिधि
सुदीप जानकारी देते हुए कहते हैं कि अमेरिका, युगांडा और नेपाल में मूक-बधिर जनप्रतिनिधि हैं। वो आगे कहते हैं कि अगर मैं विधानसभा पहुंचा तो अपनी बात रखने के लिए सांकेतिक भाषा के जानकार को रखने के लिए कानूनी अनुमति लूंगा। मध्यप्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी एल कांताराव ने बताया की देश के हर नागरिक को चुनाव लड़ने का संवैधानिक अधिकार है। सुदीप के इरादे मजबूत और नेक हैं और वो पूरी मेहनत के साथ चुनाव में उतरे की तैयारी में लगे हैं।
ये भी पढ़ें:- कांग्रेस ने शेयर किया गडकरी का वीडियो, बोले सत्ता में आने के लिए किए थे लंबे-चौड़े वादे