भीमा कोरेगांव केस: 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजे गए सुधा भारद्वाज, वर्नोन और अरुण फेरेरा
पुणे। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सभी तीन आरोपियों सुधा भारद्वाज, अरुण फेरेरिया और वरनॉन गोंजालवेस को पुणे सत्र न्यायालय ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट के पेशी के दौरान अरुण फेरेरिया ने अदालत में पुलिस पर पीटने का आरोप लगाया है। फेरेरिया ने कोर्ट से कहा कि पूछताछ के दौरान उन्हें पीटा गया था। उन्होंने कहा कि 4 नवंबर को पूछताछ के दौरान पुलिस अधिकारियों ने लगभग 8-10 बार थप्पड़ मारा था। इसके बाद 5 नवंबर को उन्हें अस्पताल ले जाया गया था।
पुणे की एक विशेष अदालत ने कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, वर्नोन गोंसाल्विस और अरुण फेरेरा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। बता दें कि पुणे पुलिस ने इन तीनों को कवि पी वरवरा राव और गौतम नवलाखा के साथ 31 दिसंबर को हुए एल्गार परिषद सम्मेलन से कथित माओवादियों से संबंध के मामले में 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था। इसके बाद तीनों ने जमानत के लिए अदालत में अर्जी दी थी लेकिन याचिका खारिज हो गई थी।
Sudha Bhardwaj, Arun Ferreira and Vernon Gonsalves, all three accused in Bhima Koregaon violence case have been sent to judicial custody for 14 days by Pune Sessions Court.
— ANI (@ANI) November 6, 2018
8 जनवरी को पुणे निवासी तुषार दमगुदे की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी में हर्षली पोतदार, रिपब्लिकन पैंथर्स के सुधीर ढवाले, सागर गोरखे और रमेश गैचोर, ज्योति जगताप, पुणे स्थित कबीर कला मंच के दीपक ढेंगल का नाम लेते हुए कहा गया है कि ये सभी सीपीआई-माओवादी की रणनीति के अनुसार कथित तौर पर दलितों को गुमराह करते हैं और हिंसा के लिए उनको प्रेरित करते हैं। इसके बाद 6 जून को, पुलिस ने रोना विल्सन, नागपुर विश्वविद्यालय के वकील सुरेंद्र गडलिंग, नागपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शोमा सेन, महेश राउत और सुधीर ढवाले को गिरफ्तार कर लिया।
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