स्वदेशी लड़ाकू ड्रोन 'अभ्यास' का ट्रायल रहा सफल, जानें क्या है इसकी खासियत?
नई दिल्ली: डीआरडीओ के हाथ मंगलवार को एक और बड़ी सफलता लगी, जहां ओडिशा के बालासोर में स्वदेशी लड़ाकू ड्रोन 'अभ्यास' का सफलापूर्वक ट्रायल हुआ। ट्रायल के दौरान डीआरडीओ के वैज्ञानिक लगातार इसे रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिक सिस्टम से ट्रैक कर रहे थे। जिसके बाद ये स्वदेशी ड्रोन सभी पैरामीटर्स पर खरा उतरा। ये परीक्षण इंटीग्रेटेड टेस्ट रीजन (आईटीआर) से किया गया।
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अभ्यास में ऑटोपायलट सिस्टम
दरअसल भारत चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों से घिरा हुआ है। ऐसे में हमेशा हमारे देश पर युद्ध का खतरा बना रहता है। जिसको देखते हुए डीआरडीओ ने लड़ाकू ड्रोन अभ्यास को विकसित किया, जो एक हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) है। इसकी मदद से विभिन्न मिसाइलों और हवा में मार करने वाले हथियारों का प्रेक्षण किया जा सकता है। इस ड्रोन का इस्तेमाल मिसाइल या फिर विमानों का पता लगाने के लिए भी किया जाता है। साथ ही ये ऑटोपायलट की मदद से अपने टारगेट को आसानी से भेद सकता है।
कैसे करता है काम?
डीआरडीओ के मुताबिक इस एयर वेहिकल को ट्विन अंडरस्लैंग बूस्टर का उपयोग करके लॉन्च किया गया। ये एक छोटे गैस टरबाइन इंजन से संचालित होता है। इसके अलावा नेविगेशन और फ्लाइट कंट्रोल के लिए इसमें MEMS आधारित इनरट्रियल नेविगेशन सिस्टम (INS) है। अभ्यास ड्रोन को पूरी तरह से स्वायत्त उड़ान के लिए बनाया गया है। इसकी पूरी जांच लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (GCS) की मदद से की जाती है।
तय ऊंचाई और स्पीड पर हुआ ट्रायल
एक रिपोर्ट के मुताबिक अभ्यास को सफल उड़ान के लिए 5 किमी की ऊंचाई, 0.5 मैक की स्पीड, 30 मिनट की स्थिरता और 2जी टर्न कैपेबिलिटी की जरूरत थी। जिसे उसने पूरी तरह से हासिल किया। ऐसे में ये ट्रायल एकदम सफल है। इस परीक्षण के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी डीआरडीओ की पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि DRDO ने ABHYAS - ITR का सफल परीक्षण हो गया है, जो अपने आप में एक मील का पत्थर है। इसे विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए एक लक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। डीआरडीओ की पूरी टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई।
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