सभी धार्मिक संस्थाओं के CAG ऑडिट के लिए सुब्रमण्यम स्वामी संसद में लाएंगे प्राइवेट मेंबर बिल
नई दिल्ली: देश में लंबे वक्त से धार्मिक संस्थानों के ऑडिट की मांग उठ रही है। लोगों का मानना था कि सरकार को सभी धार्मिक संस्थानों का हिसाब-किताब रखना चाहिए, ताकी उनके पैसों का कोई गलत इस्तेमाल ना करे। ऐसे लोगों को अब बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का साथ मिला है। स्वामी ने जल्द ही धार्मिक संस्थाओं से संबंधित एक बिल संसद में लाने की बात कही है।
सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को एक ट्वीट करते हुए लिखा कि जब कोरोना महामारी खत्म हो जाएगी और फिर से संसद का सत्र बुलाया जाएगा, तो मैं सभी धर्मों के धार्मिक संस्थानों का CAG ऑडिट अनिवार्य करने के लिए एक प्राइवेट मेंबर बिल लाऊंगा। उनके इस ट्वीट को लोगों का समर्थन मिल रहा है क्योंकि अभी तक देश में धार्मिक संस्थानों के ऑडिट की कोई व्यवस्था नहीं है।
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आपको बता दें कि धार्मिक संस्थाएं स्वतंत्र होती हैं। इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है, ना ही सरकार उनसे कोई हिसाब लेती है। देश में कई संस्थान तो ऐसे भी जिनके पास अरबों की संपत्ति है। हालांकि कुछ धार्मिक संस्थान स्वेच्छा से हर साल अपना हिसाब-किताब सार्वजनिक कर देते हैं। ऐसे में लोगों की मांग है कि अगर सरकार धार्मिक संस्थाओं को नियंत्रित नहीं करना चाहती है तो ना करे, लेकिन कम से कम उनका सालाना ऑडिट तो करवा दिया करे।
क्या
है
प्राइवेट
मेंबर
बिल?
आपने
संसद
की
कार्यवाही
के
दौरान
देखा
होगा
कि
मंत्री
या
फिर
कोई
मंत्रालय
बिल
पेश
करता
है।
जिसके
बाद
दोनों
सदनों
में
उसको
लेकर
वोटिंग
होती
है।
ऐसे
ही
सभी
सांसदों
के
पास
भी
बिल
पेश
करने
का
अधिकार
होता
है।
इसे
ही
प्राइवेट
मेंबर
बिल
कहते
हैं।
ठीक
इसी
तरह
का
अधिकार
विधानसभा
या
विधान
परिषद
में
विधायकों
को
भी
होता
है।