पार्टी के वरिष्ठ नेता ने भाजपा को चेताया, झारखंड के बाद दिल्ली भी हार सकते हैं
भाजपा के एक दिग्गज नेता ने झारखंड में मिली हार के बाद अब दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी को चेतावनी दी है...
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नई दिल्ली। झारखंड में भारतीय जनता पार्टी को मिली करारी हार के बाद जहां पार्टी हार के कारण तलाशने में जुटी है, तो वहीं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और नीतियों पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं। ये सवाल किसी और ने नहीं, बल्कि भाजपा के ही नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने उठाए हैं। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने झारखंड में मिली हार के बाद पार्टी को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर अब भी आर्थिक हालातों पर ध्यान नहीं दिया गया तो हम दिल्ली विधानसभा का चुनाव भी हार सकते हैं। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि देश की सुस्त अर्थव्यवस्था के कारण पार्टी को अयोध्या केस में मिली जीत पर भी ग्रहण लग सकता है।
'भाजपा मुक्त भारत एक वास्तविकता बन जाएगा'
हफिंगटन पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अगर पार्टी आर्थिक संकट पर ध्यान नहीं देगी तो 'भाजपा मुक्त भारत' का दिन दूर नहीं है। स्वामी ने कहा, 'अगर हम अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कदम नहीं उठाते तो जल्द ही 'भाजपा मुक्त भारत' एक वास्तविकता बन जाएगा। मैं नहीं जानता कि प्रधानमंत्री के सलाहकार कौन हैं, लेकिन जो भी हैं वो उन्हें सच नहीं बता रहे हैं।' सुब्रमण्यम स्वामी ने जीडीपी के आंकड़ों को लेकर भी सरकार पर सवाल खड़े किए। सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'क्या आप जानते हैं कि आज देश की वास्तविक विकास दर क्या है? वो कह रहे हैं कि जीडीपी 4.8 प्रतिशत पर आ रही है। मैं कह रहा हूं कि जीडीपी 1.5 फीसदी है।'
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झारखंड में 25 सीटों पर सिमटी भाजपा
आपको बता दें कि झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। 81 विधानसभा सीटों वाले झारखंड में भाजपा केवल 25 सीटों पर ही सिमट गई। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी के महागठबंधन ने 47 सीटों पर जीत का परचम लहराया है। पिछले एक साल के भीतर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र के बाद झारखंड पांचवां राज्य है, जहां भारतीय जनता पार्टी के हाथ से सत्ता निकली है। हालांकि महाराष्ट्र और झारखंड में भाजपा सबसे बड़े दल के तौर पर उभरी, लेकिन सरकार बनाने से चूक गई है। इससे पहले साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब की सत्ता से बीजेपी बाहर हो गई थी।
झारखंड में क्यों हारी भाजपा
हालांकि झारखंड में भारतीय जनता पार्टी की हार के पीछे कई कारण निकलकर सामने आ रहे हैं। इनमें से एक बड़ा कारण रहा, भाजपा और उसके पूर्व सहयोगी आजसू का अलग-अलग चुनाव लड़ना। मतगणना के दौरान ऐसी कई सीटें रहीं, जहां आजसू के अलग लड़ने की वजह से भाजपा को सीधा नुकसान हुआ। अगर ये दोनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ते तो झारखंड का चुनाव परिणाम कुछ और ही होता। इसके अलावा पार्टी के पूर्व दिग्गज नेता सरयू राय की नाराजगी भी भाजपा की हार का कारण बनी। सरयू राय ने इस चुनाव में भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला और जमशेदपुर ईस्ट सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए सीएम रघुबरदास को हराया।
शत्रुघ्न सिन्हा बोले- आपका खेल खत्म हो गया
झारखंड में भाजपा को मिली हार के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा। शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट करते हुए कहा, 'खामोश! झारखंड बीजेपी...टाटा-बाय बाय! वन मैन शो और टू मैन आर्मी- जैसी कि उम्मीद थी, आपका खेल खत्म हो गया है। अब आगे- दिल्ली, बिहार, बंगाल और अन्य बाकी राज्य! सभी नेताओं को बधाई। सर, अब साफ देखा जा सकता है कि चीजें आपके लिए मुश्किल हो गई हैं। हरियाणा में उम्मीद के मुताबिक और अच्छा प्रदर्शन ना करने के बाद महाराष्ट्र में संयुक्त विपक्ष की ताकत के सामने आपके पैरों की नीचे से जमीन खिसक गई। ईवीएम, खरीद फरोख्त की आपकी सारी चालबाजी, फर्जी प्रोपेगेंडा और सीएए, एनआरसी की अराजकता के बावजदू एक स्पष्ट बहुमत के साथ झारखंड की बारी। फिर ना कहना सर, कि मैंने आपको नहीं बताया, होशियार नहीं किया, खबरदार नहीं किया। सर आइए, राष्ट्र के लिए कुछ करें। हमारे अहंकार, खोखले वादों और विरोधाभासी भाषणों से छुटकारा पाएं।'
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