स्वामी बोले- चीन को छोड़ भारत में आए कंपनियां, इसके लिए करने होंगे ये तीन काम
नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि अमेरिका कंपनियां चीन को छोड़ भारत में निवेश कर सकती हैं लेकिन इसके लिए हमें कुछ तैयारियां करनी होंगी। बुधवार सुबह किए अपने ट्वीट में स्वामी ने ये कहा है। स्वामी ने लिखा है- चीन में निवेश करने वाली अमेरिकी कंपनियों को भारत में आने के लिए आकर्षित करने के लिए हमें तीन काम पहले करने की आवश्यकता है। पहला चीन की तरह शानदार बुनियादी ढांचा यानी इंफ्रास्ट्रक्चर। दूसरा पूर्वी एशिया कच्चे माल के निर्यात को चीन की जगह भारत की ओर आ रहा है।
स्वामी ने अपने ट्वीट में तीसरा कदम जो उठाने की बात कही है, वो है निजी क्षेत्र पर चीन की तरह से प्रतिबंध यानी प्राइवेट सेक्टर में एफडीआई ना हो और बैंक से लोन ना मिले। इस तीन उपायों को बताते हुए स्वामी ने पूछा है कि क्या हम इसके लिए तैयार हैं?
बता दें कि हाल के दिनों में इस तरह की रिपोर्ट आई हैं, जिनमें बताया गया है कि कोरोना के बाद चीन से निकल रही कंपनियों को लुभाने के लिए बड़े स्तर पर काम कर रही है। कई बड़े कदम विदेशी कंपनियों को भारत लाने के लिए उठाए जा रहे हैं। इसी बीच स्वामी की ये टिप्पणी आई है।
सुब्रमण्यम स्वामी अपनी ही सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाते रहे हैं। मौजूदा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्तमंत्री रहे मरहूम अरुण जेटली की भी कई मौकों पर स्वामी ने आलोचना की है। केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए जीएसटी को तो स्वामी 21वीं सदी का सबसे बड़ा पागलपन करार दे चुके हैं।
हाल ही में सुब्रमण्यम स्वामी ने सोमवार को मोदी सरकार की प्रवासी मजदूरों से रेल टिकट का किराया वसूलने को लेकर भी कड़ी आलोचना की थी।उन्होंने कहा कि भारत सरकार की कैसी नैतिकता है कि वह भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूरों से उनकी यात्रा का शुल्क वसूल कर रही है। अगर रेलवे मजदूरों का किराया देने से मना करती है तो इसे पीएम केयर्स फंड से दिया जाना चाहिए।
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