गांधी परिवार से SPG सुरक्षा वापस लेने पर सुब्रमण्यम स्वामी बोले- जो लोग विरोध कर रहे हैं वो.....
नई दिल्ली- बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने के केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया है। उन्होंने गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा फिर से बहाल करने की कांग्रेस की मांग को खारिज करते हुए कहा है कि जिन लोगों को इस फैसले पर आपत्ति है वह चाहें तो अदालत में इसे चैलेंज कर सकते हैं। दरअसल, कांग्रेस इस मामले पर संसद में सवाल उठा रहे है और सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी की एसपीजी सुरक्षा फिर से बहाल करने की मांग कर रही है। इसी मामले में जब स्वामी को बोलने का मौका मिला तब उन्होंने विरोध करने वालों को सलाह ही नहीं दी, एसपीजी सुरक्षा हटाने के पक्ष में अपने तर्क भी दिए।
एलटीटीई ही नहीं रही तो एसपीजी सुरक्षा क्यों- स्वामी
भाजपा सांसद सुब्रमण्य स्वामी ने कहा है कि यूपीए के कार्यकाल में भी कई नेताओं की सुरक्षा कम की गई थी। उन्होंने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि "गृहमंत्रालय के अधीन हमेशा से एक स्पेशल कमेटी रही है, जो (यह) निर्णय करती है और अगर ऐसी कोई बात है तो कोई भी कोर्ट जा सकता है और इसको चैलेंज कर सकता है।" स्वामी ने सरकार के फैसले के समर्थन में कहा कि गांधी परिवार पर खतरा मुख्य तौर पर एलटीटीई के हमले में राजीव गांधी की हत्या के चलते पैदा हुआ था, जो अब वह पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। गांधी परिवार से एसपीजी सिक्योरिटी वापस लिए जाने के समर्थन में उन्होंने दो तर्क दिए हैं- पहला, अब एलटीटीई नहीं है और दूसरा राजीव हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से दोषी करार दिए जा चुके अभियुक्तों के प्रति प्रोटेक्टीज (सोनिया और गांधी परिवार के बाकी सदस्य) का रवैया। स्वामी ने कहा- "सोनिया गांधी ने खुद राष्ट्रपति को लिखा कि उन्हें (दोषी ठहराए गए और फांसी की सजा पाए) फांसी नहीं दी जानी चाहिए।"
गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा राष्ट्र हित में जरूरी- कांग्रेस
इससे पहले कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने राज्यसभा में सभापति वेंकैया नायडू से गांधी परिवार से एसपीजी कवर हटाने को लेकर नियम 267 के तहत मामला उठाने की इजाजत मांगी थी, जो उन्हें दे दी गई। इस दौरान उन्होंने राज्यसभा में गांधी परिवार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एसपीजी सुरक्षा हटाने का विरोध करते हुए उस सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा कवर को फिर से बहाल करने की मांग की। शर्मा ने कहा कि इन चारों को एसपीजी सुरक्षा मुहैया कराना राष्ट्र हित में है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पार्टी के इन चारों नेताओं की निजी सुरक्षा और जीवन पर खतरा था, इसलिए सरकार को भेदभाव की राजनीति से ऊपर उठकर एसपीजी कवर बहाल करनी चाहिए। गौरतलब है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से एसपीजी सुरक्षा पहले ही वापस ले ली गई थी, जबकि गांधी परिवार से यह हाल में ही छीनी गई है।
क्या है पूरा मामला ?
गौरतलब है कि गांधी परिवार से एसपीजी की सुरक्षा वापस लेकर उन्हें जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि गांधी परिवार पर खतरे का स्तर घटने की वजह से उनकी सुरक्षा में फेरबदल किया गया है। उन्हें 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद से ही एसपीजी की सुरक्षा मुहैया कराई जा रही थी। कांग्रेस 28 साल बाद गांधी परिवार से एसपीजी हटाने का विरोध कर रही है। एसपीजी का गठन 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ था और शुरू में इसे भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए ही बनाया गया था। जब राजीव गांधी सत्ता से बाहर हो गए तो उनकी एसपीजी सुरक्षा हटा ली गई। बाद में जब एलटीटीई ने एक बम धमाके में उनकी हत्या कर दी तब उनके परिवार पर मंडराते खतरे की आशंका के मद्देनजर सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा को एसपीजी सुरक्षा दी गई थी। बता दें कि अब सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही एसपीजी प्रोटेक्टी रह गए हैं और इस सुरक्षा के बाद देश में जेड प्लस श्रेणी वाला सुरक्षा ही सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।