RBI के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सुब्रमण्यम स्वामी, लगाया बड़े बैंक स्कैम का आरोप
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारियों द्वारा की गई कथित अनियमितातओं के खिलाफ भाजपा नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी(Subramanian Swamy) ने सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई(CBI) जांच की मांग की है। बीजेपी सांसद का आरोप है कि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारियों द्वारा की गई कथित अवैधताओं के परिणामस्वरूप भारत में विभिन्न बैंकिंग / वित्तीय घोटाले हुए हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी और अधिवक्ता सत्य सभरवाल ने आरोप लगाए कि, घोटालों ने भारत की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान पहुँचाया है और RBI के अधिकारी सक्रियता और अपने वैधानिक कर्तव्यों के गंभीर उल्लंघन में रहे हैं। जिससे इन घोटालों को रोका नहीं जा सका है। इन आऱोपों में कहा गया है कि, पिछले कुछ वर्षों में, विभिन्न बैंकों ने घोटालों के बाद घोटाले की रिपोर्ट की है। जिसमें बैंक अधिकारियों की भूमिका स्पष्ट रूप से सामने आई, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से RBI के एक भी अधिकारी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर पाया।
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी दलील में आरोप लगाया कि, आरबीआई जमाकर्ताओं, निवेशकों और शेयरधारकों सहित विभिन्न हितधारकों के हितों की रक्षा करने में विफल रहा है और इससे भारत की बैंकिंग प्रणाली में विश्वास की हानि हुई है। इसके साथ ही नियामक की बैंक धोखाधड़ी की श्रृंखला के प्रति उदासीनता उस पर सवाल खड़े करती है। स्वामी और सभरवाल ने तर्क दिया है कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम स्कीम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मामले में RBI को बैंक प्रबंधन के लिए अधिक जिम्मेदार बनाती है।
उन्होंने कहा कि, सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत दायर आवेदनों के माध्यम से याचिकाकर्ता (एस) द्वारा प्राप्त जानकारी से यह पता चला है कि, किसी भी बैंक द्वारा रिपोर्ट की गई धोखाधड़ी के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक के किसी भी अधिकारी को किसी भी तरह के कर्तव्य के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। यह भारत में बैंकिंग क्षेत्र में होने वाले धोखाधड़ी की संख्या के विपरीत है।
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