बलिदान बैज विवाद में धोनी से बोले सुब्रमण्यम स्वामी- आपके क्रिकेट का इसका कोई लेना देना नहीं है
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के वर्ल्डकप में विकेटकीपिंग करते समय बलिदान बैज का प्रतीक लगा ग्लव्स पहनने पर विवाद हो गया है। भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के राज्यसभा सांसद और नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस पर विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने धोनी को सलाह देते हुए कहा कि वो आईसीसी के साथ इस विवाद को खत्म करें।
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स्वामी की धोनी को विवाद खत्म करने की सलाह
सुब्रमण्यम स्वामी ने धोनी के बलिदान बैज पहनकर विकेटकीपिंग करने के विवाद पर ट्वीट कर लिखा कि मेरी महेंद्र सिंह धोनी को बिना मांगी गई सलाह। धोनी आईसीसी के नियमों से सहमत होने पर आपका कुछ भी नुकसान नहीं होगा। हालांकि यह मायने नहीं रखता है कि यह कितना अनुचित है। इस विवाद को खत्म करो। इसका आपके क्रिकेट से कोई लेना देना नहीं है। भारत विरोधी ताकतें इस विवाद को तूल देना चाहती हैं।
आईसीसी ने बीसीसीआई को दिया झटका
गौरतलब है कि आईसीसी ने इस मामले में बीसीसीआई को झटका दिया है। बीसीसीआई से आईसीसी ने धोनी को बलिदान बैज के प्रतीक वाले ग्लव्स पहन कर खेलने के अनुमति देने का अनुरोध किया था। इस पर आईसीसी ने जबाव देते हुए कहा है कि धोनी को उनके दस्तानों पर 'बलिदान बैज' चिह्न लगाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। आईसीसी इवेंट के लिए बने नियम किसी को भी कोई व्यक्तिगत संदेश या लोगो अपने कपड़े या सामान पर लगाने की इजाजत नहीं देते हैं। इतना ही नहीं, आईसीसी ने यह भी साफ किया कि धोनी के दस्तानों पर बना हुआ यह 'लोगो' आईसीसी के उन नियमों का भी उल्लंघन करता है जो यह बताते हैं कि एक विकेटकीपर के दस्तानों पर क्या लगाने की इजाजत है।
क्या है बलिदान बैज?
इस बैज में 'बलिदान' शब्द को देवनागरी लिपि में लिखा गया है। यह बैज चांदी की धातु से बना होता है, जिसमें ऊपर की तरफ लाल प्लास्टिक का आयत होता है। यह बैज केवल पैरा-कमांडो द्वारा पहना जाता है। भारतीय सेना की एक स्पेशल फोर्सेज की टीम होती है जो आतंकियों से लड़ने और आतंकियों के इलाके में घुसकर उन्हें मारने में दक्ष होती है। मुश्किल ट्रेनिंग और पैराशूट से कूदकर दुश्मन के इलाके में घुसकर दुश्मन को मारने में महारत हासिल करने वाले इन सैनिकों को पैरा कमांडो कहा जाता है।