Maharashtra: सुब्रमण्यम स्वामी की शिवसेना से अपील, हिंदुत्व की एकता के लिए भाजपा के साथ निकालें रास्ता
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच चल रहे टकराव के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने शिवसेना से खास अपील की है। स्वामी ने एक ट्वीट करके शिवसेना से अपील की है कि वह भाजपा के साथ महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कोई रास्ता निकाले। अहम बात यह है कि स्वामी ने अपने इस ट्वीट में भारतीय जनता पार्टी पर भी तीखा तंज कसा है और पार्टी के भीतर मतभेद की ओर भी इशारा किया है।
हिंदुत्व ताकतों की एकता के लिए धैर्य रखें
स्वामी ने अपने ट्वीट में भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि यह सच है कि भाजपा नेतृत्व को लेकर शिवसेना की जो शिकायतें हैं वह वाजिब हैं। यही नहीं सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि यह शिकायतें ना सिर्फ शिवसेना को बल्कि भाजपा के भीतर कई दिग्गज नेताओं की भी है। लेकिन मैं अपील करता हूं कि हिंदुत्व ताकतों की एकता के मकसद के लिए हमे एक दशक और धैर्य रखने की जरूरत है, लिहाजा बेहतर है कि इसे बर्दाश्त किया जाए।
सीएम की कुर्सी को लेकर विवाद
बता दें कि शिवसेना लगातार प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी की मांग पर अड़ी है। पार्टी ने साफ तौर पर कह दिया है कि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी से कोई समझौता नहीं करेगी। चुनाव से पहले भाजपा और शिवसेना के बीच 50-50 फॉर्मूले को लेकर तय हुआ था, लिहाजा हम सिर्फ वही मांग कर रहे हैं जो पहले तय हुआ था और इसी के आधार पर हम जनता के बीच गए थे। लेकिन शिवसेना की इस मांग को भाजपा ने सिरे से खारिज करते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी देने से इनकार कर दिया है। हालांकि भाजपा शिवसेना को उपमुख्यमंत्री की कुर्सी देने के लिए तैयार है।
शिवसेना का दावा
शिवसेना के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता संजय राउत ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। महाराष्ट्र का चेहरा और राजनीति दोनों बदल रहे हैं, आप देखेंगे। जिसे आप हंगामा कह रहे हैं, वह हंगामा नहीं है, बल्कि न्याय और अधिकारों की लड़ाई है, इसमें जीत हमारी होगी। संजय राउत ने कहा कि हमारे पास बहुमत का आंकड़ा है। अभी हमारे पास 170 विधायकों का समर्थन है, जो 175 तक पहुंच सकता है। बता दें, शिवसेना के 56 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 44 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के पास 54 विधायक हैं, वहीं, निर्दलीय विधायकों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा है। अगर ये सभी पार्टियां एकसाथ आती हैं तो ये आंकड़ा 170 के करीब पहुंचता है।
I urge Shiv Sena to find a way to join with BJP to form the Government. It is true Shiv Sena has genuine grievances about BJP leadership as do many stalwarts in BJP also have. But the cause of unity in Hindutva forces require patience for one more decade so best to bear it
— Subramanian Swamy (@Swamy39) November 6, 2019
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