नेताजी सुभाष चंद्र बोस के गनमैन रहे भलेराम कोहाड़ का निधन, आजादी की जंग में रंगून जेल में थे बंद
नई दिल्ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के गनमैन रहे स्वतंत्रता सेनानी भलेराम कोहाड़ का 99 साल की आयु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। हरियाणा के बरवाला के गांव हसनगढ़ निवासी भलेराम कोहाड़ आजाद हिंद फौज में सिपाही थे। उनके गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। भलेराम कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें पीएम मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सम्मानित कर चुके हैं।
बड़े बेटे सतबीर सिंह ने दी मुखाग्नि
बड़े बेटे सतबीर सिंह ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। पुलिस के सात जवानों ने उन्हें अंतिम सलामी दी। उनके अंतिम संस्कार में नायब तहसीलदार और थाना प्रभारी भी शामिल हुए थे। भलेराम के निधन पर उनके गांव के लोगों ने गहरा दुख जताया। भलेराम ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ कई देशों में घूमते हुए आजादी की जंग जारी रखी। 16 जून 1945 को उन्हें गिरफ्तार कर रंगून की जेल में डाल दिया गया था।
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भारत के आजाद होने के बाद आए थे वापस
भारत के आजाद होने के बाद उन्हें वापस भेजा गया। इस गांव ने देश को कई वीर सपूत दिए हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ी। इस गांव में सैनिक, खिलाड़ियों और स्वतंत्रता सेनानियों की कोई कमी नहीं है। आजादी की लड़ाई में योगदान देने वाले 5 स्वतंत्रता सेनानी इस गांव ने दिए। लोगों की मांग है कि सरकार स्वतंत्रता सेनानियों की याद में गांव में शहीद स्मारक बनवाए।
आजाद हिंद फौज में सिपाही थे भलेराम
भलेराम के परिवार में उनकी 85 साल की पत्नी गिन्ना देवी के अलावा चार बेटे और दो बेटियां हैं। बड़े बेटे सतबीर गांव में खेती करते हैं। दूसरे बेटे रणधीर स्कूल में हेडमास्टर हैं। तीसरे बेटे रणबीर सिंह चंडीगढ़ पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं जबकि चौथे और सबसे छोटे बेटे राजबीर सिंह डीपीई के पद पर कार्यरत हैं।