गोभी, भिंडी, बैंगन समझकर जहर तो नहीं खा रहे आप? रिसर्च में हुआ ये खुलासा
नई दिल्ली। नेश्नल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) द्वारा की गई एक स्टडी में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इसके अनुसार यमुना नदी के पास उगाई जा रही सब्जियों में लेड यानि सीसे की खतरनाक मात्रा है। इन सब्जियों को खाने से किसी एक अंग के खराब होने से लेकर कैंसर तक के रोग संभव हैं। गौरतलब है कि इस इलाके से दिल्ली की कई मंडियों में सब्जी सप्लाई की जाती है। इसमें आजादपुर, गाजीपुर और ओखला की साप्ताहिक मंडियां शामिल हैं। इसके अलावा भी शहर के कई वेंडर यहां से सब्जी लेते हैं। इसमें पूर्वी दिल्ली के सबसे अधिक वेंडर हैं।
पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी से लिए गए धनिया के सैंपल में सबसे अधिक मात्रा में सीसा मिला है। सब्जियों में पत्तागोभी को छोड़कर सब्जिवालों से इकट्ठा की गई लगभग सभी सब्जियों में लेड यानी सीसा गंभीर मात्रा में मिला है। इन सभी में से पालक में सबसे अधिक (14.1 mg/kg) लेड मिला है। बता दें कि सब्जियों के अंदर लेड की सुरक्षित मात्रा सबसे अधिक 2.5 mg/kg मानी जाती है। ऐसे में स्टडी में आए नतीजे भयावह हैं। फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने बताया कि सैंपल के रूप में इकट्ठा की गई सब्जियों में लेड की मात्रा 2.8mg/kg से 13.8mg/kg देखने को मिली है।
NEERI के हेड और वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक एस के गोयल ने कहा कि तीन अलग-अलग स्थानों - उस्मानपुर, मयूर विहार और गीता कॉलोनी से कम से कम सात प्रकार की सर्दियों में मिलने वाली सब्जियों के नमूने एकत्र किए गए। उनका परीक्षण लेड, मरकरी, निकल और कैडमियम के लिए किया गया था। सभी नमूनों में लेड का स्तर भारतीय अनुमेय सीमा से अधिक पाया गया। सब्जियों में अन्य धातुओं का स्तर जरूरी सीमा के भीतर था। गोयल ने ये भी बताया कि इस इलाके में उगाई जा रही सब्जियों में लेड, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, बैटरी, पेंट और पॉलिथीन के लिए काम करने वाली इंडस्ट्री के कारण हो सकता है।
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