इंडियन आर्मी को 'घातक' बनाने की योजना पर काम दिसंबर तक पूरा होगा, ये होंगे बदलाव
नई दिल्ली। इंडियन आर्मी को घातक युद्ध लड़ने की मशीन में बदलने का सबसे बड़ा संगठनात्मक अध्ययन इस वर्ष दिसंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। देश के आजाद होने के बाद से यह सबसे बड़ी संगठनात्मक संरचना की समीक्षा है, जिसके तहत ये पता लगाया जा रहा है कि भारतीय सेना का वर्तमान अभ्यास क्या भविष्य में होने वाले युद्धों के लिए पर्याप्त है या नहीं। भारतीय सेना की इस समीक्षा के पूर्ण होने के बाद और ज्यादा घातक हो जाएगी।
इस स्टड़ी में व्यापक रूप से जो शामिल हैं वो- 1 भारतीय सेना का पुनर्गठन, 2. सेना मुख्यालय की समीक्षा, 3. अधिकारियों के लिए कैडर समीक्षा (एवी सिंह समिति की रिपोर्ट, 2001 के बाद किया जा रहा है) और वचनबद्धता की शर्तों की समीक्षा। प्रत्येक अध्ययन 25 सदस्यों की एक टीम द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसका नेतृत्व वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल करेंगे।
एक आर्मी ऑफिसर के मुताबिक, इस स्टड़ी का उद्देश्य इंडियन आर्मी को हर लिहाज से एक कुशल युद्ध मशीन बनाना है। उन्होंने कहा कि हथियारों की खरीद फरोख्त, रक्षा बजट आदि मुश्किले हैं। उन्होंने कहा कि इस पर स्टड़ी पूरी होने के बाद, कुछ निदेशालयों को बंद भी किया जा सकता है, कुछ को दूसरे निदेशालयों में विलय किया जा सकता है और कुछ को दिल्ली के बाहर शिफ्ट किया जा सकता है।
सेना की फाइनेंसियल प्लानिंग फिलहाल आर्मी स्टाफ के डिप्टी चीफ के अधीन आता है, जिसे भविष्य में वाइस चीफ के अंतर्गत लाया जा सकता है। खरीद से संबंधित दो महत्वपूर्ण निदेशकों - पर्सपेक्टिव प्लानिंग (PP) और वेपंस एंड इक्विप्मेंट (WE) निदेशालय को किसी एक के प्राधिकरण के तहत लाने के लिए भी समीक्षा की जा रही है।