क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सावधान: कोरोना काल में पैदा होने वाले 30 फीसदी नवजात कोरोना पॉजिटिव, जानें कैसे हुआ उन्‍हें संक्रमण

सावधान: कोरोना काल में पैदा होने वाले 30 फीसदी नवजात कोरोना पॉजिटिव, जानें कैसे हुआ उन्‍हे संक्रमण

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच एक और भयभीत करने वाला खुलासा हाल में हुए अध्‍ययन में हुआ है। अध्ययन में पाया गया कि कोरोना काल में जन्‍म लेने वाले नवजात शिशुओं में से लगभग एक तिहाई यानी की 30 फीसदी नवजात जन्म से पहले या जन्‍म के दौरान कोरोना संक्रमण का शिकार हुए। यह रिसर्च महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वायरस के बारे में हमारी वर्तमान समझ को बढ़ाता है, विशेष रूप से यह नवजात शिशुओं में कैसे फैलता है इसके लिए सजग करता है।

30 फीसदी नवजातों को गर्भ में मां से या प्रसव के दौरान संक्रमण हुआ

30 फीसदी नवजातों को गर्भ में मां से या प्रसव के दौरान संक्रमण हुआ

फ्रांस में किए गए आरसेंट स्टडी में पाया गया है कि कोविड -19 के करीब 30 फीसदी नवजातों को गर्भ में या मां से प्रसव के दौरान संक्रमण हुआ था। अध्ययन में कोविड -19 के साथ नवजात शिशुओं के 176 प्रकाशित मामलों की समीक्षा की गई। इसमें कहा गया है कि ज्यादातर नवजात शिशु प्रसव के बाद इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं, लेकिन इस बात की बहुत कम संभावना है कि संक्रमित मां जन्म के बाद बच्चे को होने वाली बीमारी से गुजर सकती है। इस अध्ययन में जिन मामलों की समीक्षा की गई उनमें से केवल हल्के लक्षण थे जबकि तीन नवजात शिशुओं की मृत्यु हो गई, अध्ययन ने कहा गया कि "असंबंधित कारणों" से उनकी मृत्‍यु हुई।

दर्दनाक: 74 वर्षीय आदमी को फ्रीजर में रखकर, परिवार करता रहा रात भर मरने का इंतजारदर्दनाक: 74 वर्षीय आदमी को फ्रीजर में रखकर, परिवार करता रहा रात भर मरने का इंतजार

यह दुर्लभ है लेकिन संभव है

यह दुर्लभ है लेकिन संभव है

इस अध्ययन पर एक रिपोर्ट में, द गार्जियन ने कहा, "जबकि कोविड -19 नवजात शिशुओं में दुर्लभ है, इसलिए डाक्‍टर को इसको लेकर काफी सजग रहने की जरुरत है और शिशुओं का परीक्षण करना चाहिए पता चलता है कि उन्हें जन्म के तुरंत बाद संक्रमण है कि नहीं।" गार्डियन ने बताया कि इस अध्ययन में नवजात कोविड -19 संक्रमण के 176 मामलों की समीक्षा की गई, जिसमें शिशुओं में "कम से कम एक बार सकारात्मक परीक्षण किया गया या पाया गया कि उनमें एंटीबॉडीज पाए गए"।

इसे भी पढ़े - सावधान: कोरोना से मरने वालों में 45 फीसदी की उम्र 60 वर्ष से कम थी, जानें हाई रिस्‍क में कौन हैंइसे भी पढ़े - सावधान: कोरोना से मरने वालों में 45 फीसदी की उम्र 60 वर्ष से कम थी, जानें हाई रिस्‍क में कौन हैं

नवजात को ऐसे हुआ संक्रमण, जानें क्‍या बरतें सावधानी

नवजात को ऐसे हुआ संक्रमण, जानें क्‍या बरतें सावधानी

अध्ययन का हवाला देते हुए, जो रिपोर्ट प्रकाशित हुई उसमें कहा गया है कि अधिकांश बच्चे (लगभग 70 प्रतिशत) अस्पताल में संक्रमित हो गए और संक्रमण का स्रोत मां, चिकित्सा कर्मचारी, अन्य रोगियों, परिवार के सदस्यों और आगंतुकों से हुआ , क्योंकि वे सभी एक संभावित संक्रमण का जोखिम में थे। रिपोर्ट में कहा गया है, "बाकी संक्रमण (लगभग 30 प्रतिशत) जन्म से पहले या जन्म के दौरान मां से सीधे हुआ। रिपोर्ट में ये कहा गया कि भले ही नवजात शिशुओं के बीच संचरण का यह रूप दुर्लभ है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि डॉक्टरों को यह पता होना चाहिए कि वायरस के साथ नवजात शिशुओं का जन्म संभव है। पीडियाट्रिक्स चिकित्सा निदेशक डाइनियल डी लुका ने एक साक्षात्‍कार में कहा कि जन्‍म के बाद बच्‍चें को संक्रमण से बचाने के लिए विशेष प्रबंध होने चाहिए, बच्‍चों को कम से कम छूने देना चाहिए। जन्‍म के बाद बच्‍चे को संक्रमण से बचाने के लिए उनको नर्सरी में खास देखभाल में रखा जाना चाहिए।

इसे भी पढ़ें- अमिताभ बच्‍चन से शख्‍स ने पूछा- आप दान क्यों नहीं करते, तो बिग बी ने दिया ये करारा जवाबइसे भी पढ़ें- अमिताभ बच्‍चन से शख्‍स ने पूछा- आप दान क्यों नहीं करते, तो बिग बी ने दिया ये करारा जवाब

50% शिशु asymptomatic थे, ये दिखे लक्षण

50% शिशु asymptomatic थे, ये दिखे लक्षण

इस अध्‍ययन में कुल मिलाकर, 176 मामलों की समीक्षा की गई, अध्ययन में पाया गया कि उनमें से आधे asymptomatic थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों में लक्षण दिखे, उनमें 64 फीसदी में असामान्य फेफड़े के स्कैन, 52 फीसदी को सांस लेने में तकलीफ, 44 फीसदी को बुखार और 36 फीसदी को भोजन, दस्त और उल्टी की दिक्कत थी। इसके अलावा, अध्ययन में पाया गया कि बीमार पड़ने वाले नवजात शिशुओं में से केवल 18 प्रतिशत ने "चिड़चिड़ापन और सुस्ती से लेकर स्नायविक स्वर की समस्याओं के साथ विकसित किए, जो कि मांसपेशियों के स्वर की समस्याओं के साथ थे, जिससे अंग या तो फूल गए या बहुत कठोर हो गए"।

क्या स्तनपान कराने में कोई खतरा है ?

क्या स्तनपान कराने में कोई खतरा है ?

यह रिसर्च महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वायरस के बारे में हमारी वर्तमान समझ को बढ़ाता है, विशेष रूप से यह नवजात शिशुओं में कैसे फैलता है इसके लिए सजग करता है। हालांकि, डॉक्टरों ने नवजात शिशुओं को स्तनपान कराने से कोई अतिरिक्त जोखिम नहीं पाया है, लेकिन कहा कि अगर मां "संक्रमित" थी, तो पहले कुछ दिनों में बच्चे को वायरस से संक्रमित होने की संभावना लगभग पांच गुना अधिक होती है अगर दोनों को अलग रखा गया था तो। डी लुका ने द गार्जियन को बताया "हम जानते हैं कि माँ और बच्चे को एक साथ रखने के बहुत सारे फायदे हैं, लेकिन अगर माँ में रोग के लक्षण है, तो कुछ दिनों के लिए सतर्क रहना बेहतर होगा," । "यदि उन्हें अलग नहीं किया जा सकता है, और कुछ मामलों में यह असंभव है, तो मां को सिमटम होने पर अतिरिक्त सावधानी बरतने की कोशिश करनी चाहिए, और यदि संभव हो तो ट्रांसमिशन के जोखिम को कम करने के लिए पीपीई और हैंड जेल का उपयोग करें।"

Comments
English summary
Study : 30% newborns who had Covid got infected in womb or during labour
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X