तीन युवाओं ने नौकरी छोड़ रेगिस्तान में की स्ट्रॉबेरी की खेती
जयपुर। राजस्थान के तीन युवाओं ने नौकरी छोड़कर कुछ ऐसा किया है जो बाकियों के लिए मिसाल बन सकता है। राज्य के बीकानेर निवासी नीरज महोबिया, धर्मेंद्र सिंह देवल और महिपाल ने रेगिस्तान में स्ट्रॉबेरी की खेती करने का कमाल किया है। तीनों का दावा है कि पश्चिमी राजस्थान में ऐसा पहला प्रयोग हुआ जो सफल रहा। इन तीनों ने बज्जू के फूलासार गांव में स्ट्राबेरी के खेती की और सितंबर से मार्च के बीच करीब 2 क्विंटल स्ट्रॉबेरी का उत्पादन करने में सफल रहे। नीरज,धर्मेंद्र और महिपाल ने कहा कि स्ट्रॉबेरी की खेती करने पहले उन्होंने रिसर्च किया। जब रिसर्च सफल रहा तो उन्होंने करबी चार हजार वर्गमीटर जमीन में स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए।
तीनों ने यह पौधे बीते साल सितंबर में लगाए थे, जिनमें फरवरी तक फल लगने लगे। बता दें कि तीनें शख्स इंजीयनिरिंग और ठेकेदारी के पेशे से जुड़े थे। नीरज और धर्मेंद्र के अनुसार स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए प्रति दस रुपए का खर्च आया। दोनों ने बताया कि पौधों को आधुनिक तरीके से लगाया। रेगिस्तान की गर्मी को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने कृत्रिम बारिश का सहारा लिया। बताया कि गर्मी के दिनों में बीकानेर का टेंपरेचर 40 डिग्री से ऊपर रहता है। जबकि स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए 15 से 30 डिग्री तक का तापमान अच्छा होता है। ज्यादा गर्मी की स्थिति में तापमान को नियंत्रित करने के लिए कृत्रिम बारिश की जाती है।
दोनों ने जानकारी दी कि बाजार में फल 120 रुपए किलो बिकता है। पौधों को पंजाब और हिमाचल प्रदेश से खरीदा था। पौधे लगाने लिए निर्देश महिपाल ने दिए। तीनों की ओर से दावा किया गया खेती के दौरान कोई उर्वरक नहीं डाला। बल्कि इसके लिए खेत में तैयार की गई ऑर्गेनिक खाद का प्रयोग किया। तीनों का उद्देश्य है कि वो परंपरागत के अलावा लोगों को आधुनिक खेती की ओर भी आकर्षित कर सकें।