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गैंग्स ऑफ़ पंजाब- कुछ जेल से चल रहे हैं तो कुछ विदेश से, लेकिन कैसे?

बमबीहा गैंग की कमान गौरव पटियाला के हाथ में है. बमबीहा गैंग का नाम मारे गए गैंगस्टर देविंदर बमबीहा के नाम पर पड़ा है. पुलिस ने साल 2016 में एक एनकाउंटर में देविंदर बमबीहा को मार दिया था.

By BBC News हिन्दी
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पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने एक बार फिर लोगों का ध्यान पंजाब के गैंगस्टरों की तरफ़ खींचा है.

पंजाब पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया ये लग रहा है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या की वजह भी दो गैंगस्टरों लॉरेंस विश्नोई और लकी पटियाल के बीच चल रही गैंगवार ही है.

पंजाब पुलिस ने ये दावा भी किया है कि ये हत्या यूथ अकाली दल के नेता विकी मिड्डुखेरा की 2021 में हुई हत्या का बदला लेने के लिए की गई है.

हाल के सालों में, राजनेताओं ने ये दावा किया है कि वो गैंगों की सक्रियता को बहुत हद तक काबू में करने में कामयाब रहे हैं. नेताओं का दावा है कि अधिकतर गैंगस्टर या तो मारे गए हैं या गिरफ़्तार हो गए हैं या फिर राज्य को छोड़ कर चले गए हैं.

लेकिन हाल के घटनाक्रम से ये पता चलता है कि गैंगस्टर काफ़ी सक्रिय हैं.

29 मई हो हथियारबंद बदमाशों ने पंजाब के मानसा ज़िले के जवाहरके गाँव में पंजाबी पॉप गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी थी.

सिद्धू मूसेवाला अपनी गायकी से जितना चर्चित थे, अपने गानों के बोल और भाषणों की वजह से उतने ही विवादित भी थे.

सिद्धू मूसेवाला
ANI
सिद्धू मूसेवाला

पंजाब सरकार ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जाँच के लिए विशेष जाँच दल (एसआईटी) गठित किया है और अब तक आठ लोगों को इस संबंध में गिरफ़्तार किया गया है.

पंजाब पुलिस ने दिनदहाड़े हुई इस हत्या को गैंगवार से ही जोड़ा है.

कबड्डी खिलाड़ी नांगल अंबिया और गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने पंजाब के माहौल को ग़मज़दा कर दिया है.

बीबीसी से बात करते हुए गैंगस्टरों के ख़िलाफ़ काम कर रहे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताते हैं कि वास्तव में हाल के महीनों में गैंगस्टरों की सक्रियता बढ़ी है.

बीबीसी ने ऐसे कई पुलिस अधिकारियों से बात की है जो पंजाब में गैंगस्टरों के ख़िलाफ़ काम कर रहे हैं.

अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक़ इस समय पंजाब में क़रीब 40 बड़े गैंग हैं, इनमें से सात-आठ गैंग सक्रिय हैं जबकि तीन-चार गैंग ऐसे हैं जो हिंसा की अधिकतर वारदातों को अंजाम देते हैं.

लॉरेंस विश्नोई और गोल्डी बरार

पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ ये सबसे सक्रिय गैंगों में से एक हैं.

अधिकारी के मुताबिक़, "गोल्डी बरार कनाडा में रहता है और वहीं से गैंग चलाता है जबकि लारेंस बिश्नोई जेल में है."

"वो दिल्ली-एनसीआर के लड़कों को शूटरों की तरह इस्तेमाल करते हैं. गोली शूटर चलाते हैं जबकि पूरी योजना यही लोग बनाते हैं."

अधिकारी के मुताबिक, "पुलिस को लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार पर मूसेवाला की हत्या करवाने का शक है. बिश्नोई गैंग पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में सक्रिय है."

लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े गोल्डी बरार ने मूसेवाला की हत्या की ज़िम्मेदारी भी ली थी. इससे पहले दो मामलों में इंटरपोल गोल्डी बरार के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर चुकी है.

लॉरेंस और गोल्डी दोनों ही चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति में सक्रिय थे. अबोहर ज़िले के रहने वाले लॉरेंस चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़ लॉरेंस भले ही साल 2015 से जेल में बंद हो, वो फ़ोन और सोशल मीडिया के ज़रिए अपने साथियों के संपर्क में रहता है और जेल से ही काम को अंजाम देता है.

हालांकि लारेंस ने पुलिस के दावों को ख़ारिज करते हुए कहा है कि उसका इस हत्याकांड में कोई हाथ नहीं है और पुलिस का दावा हिरासत में लिए गए लोगों के बायन पर आधारित है.

बमबीहा गैंग

बमबीहा गैंग की कमान गौरव (जिन्हें लकी भी कहा जाता है) पटियाला के हाथ में है. बमबीहा गैंग का नाम मारे गए गैंगस्टर देविंदर बमबीहा के नाम पर पड़ा है. पुलिस ने साल 2016 में एक एनकाउंटर में देविंदर बमबीहा को मार दिया था.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़ लॉरेंस बिश्नोई गैंग और बमबीसा गैंग में दुश्मनी है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ इस गैंग की कमान लकी पटीयाल के हाथ में है और आख़िरी बार जब उसके बारे में जानकारी पुलिस को मिली थी तब वह अर्मीनिया में था.

लकी पटियाल के सहयोगी सुखप्रीत सिंह बुड्ढा को नवंबर 2019 में अर्मीनिया से लाया गया था और पंजाब पुलिस ने उसे गिरफ़्तार कर लिया था.

पुलिस का आरोप है कि सुखप्रीत और उसके सहयोगी पंजाब संगीत उद्योग से जुड़े लोगों को धमकाते थे. कुछ महीने पहले पंजाब पुलिस ने रिटायर पासपोर्ट अधिकारी बीढ़ी चंद को चंडीगढ़ से गिरफ़्तार किया था.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक बीढ़ी चंद ने गौरव पटियाल से 50 हज़ार रुपए लेकर उसे फ़र्ज़ी नाम और पते का भारतीय पासपोर्ट जारी किया था.

"हिरासत में लिए जाने के दौरान बुड्ढा अवैध रूप से अर्मीनिया से अमेरिका जाने की कोशिश कर रहा था."

"बुड्ढा गायक पर्मेश वर्मा पर हमले के बाद अप्रैल 2018 में पंजाब से भाग गया था. उसे इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर हिरासत में ले लिया गया था."

बुड्ढा फरीदकोट जेल में बंद था. परोल पर बाहर आने के बाद से ही वो नहीं लौटा है.

पुलिस का दावा है कि जनवरी 2017 में बुड्ढा और उसके साथियों ने हरियाणा के चौटाला गाँव में दो लोगों की हत्या कर दी थी.

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, "14 अप्रैल 2018 को बुड्ढा ने गायक परमेश वर्मा को कथित रूप से गोली मार दी थी. वर्मा ने उसे 20 लाख की वसूली देने से इनकार कर दिया था."

लखबीर सिंह लांडा

पंजाब पुलिस
Getty Images
पंजाब पुलिस

पंजाब पुलिस के मुताबिक़ लखबीर सिंह लांडा पंजाब का गैंगस्टर है, जो इस समय कनाडा में रह रहा है.

अधिकारियों के मुताबिक़ वो एक गैंगस्टर और चरमपंथी है.

पुलिस का ये भी कहना है कि 9 मई को पंजाब पुलिस के ख़ुफ़िया मुख्यालय पर मोहाली में हुए हमले का प्लान भी लखबीर सिंह ने ही बनाया था.

इस हमले में कोई घायल तो नहीं हुआ था लेकिन पंजाब पुलिस के ख़ुफ़िया विभाग के मुख्यालय पर हुए इस हमले ने सिर्फ़ पंजाब में ही नहीं बल्कि दिल्ली में भी सुरक्षा एजेंसियों को हिलाकर रख दिया था.

इस हमले में रॉकेट से दागे गए ग्रेनेड से हमला किया गया था. इस तरह के हथियार का इस्तेमाल इस इलाक़े में पहले नहीं किया गया था. इसका एक अर्थ ये भी निकाला गया कि इस गैंग के पास ऐसे और भी हथियार हो सकते हैं.

अर्श दल्ला

अर्श दल्ला पंजाब के मोगा ज़िले का रहने वाला है और पुलिस का मानना है कि फ़िलहाल वो कनाडा में हो सकता है.

पुलिस का दावा है कि अर्श दल्ला के क़रीबियों को गिरफ़्तार किया गया है और उनसे विस्फोटक (आईईडी) बरामद किए गए हैं. इसके अलावा हैंड ग्रेनेड, स्वचलित हथियार और भारी मात्रा में गोला बारूद भी बरामद किया गया, जिससे पता चलता है कि कई मॉड्यूल उसके साथ जुड़े हैं.

इन गैंगस्टरों के अलावा जग्गू भगवानपुरिया, मारे गए गैंगस्टर विकी गोंडार के साथी और सूका दुन्नेके जैसे कुछ और गैंस्टर भी इस समय पंजाब में सक्रिय हैं.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कहते हैं कि ऐसा लगता है कि इस समय एक बड़ा षडयंत्र रचा जा रहा है, जिसमें गैंगस्टर, ड्रग तस्कर और चरमपंथी शामिल हैं.

किस तरह के अपराध करते हैं गैंगस्टर?

अधिकारिक सूत्र दावा करते हैं कि इन गैंगों के अधिकतर अपराध एक दूसरे गैंग से दुश्मनी से ही संबंधित होते हैं. ये गैंग अमीर लोगों, फ़िल्म उद्योग और संगीत उद्योग से जुड़े लोगों से वसूली लेते हैं.

पंजाब का संगीत उद्योग पूरे भारत में चर्चित है. ऐसे में संगीत उद्योग से जुड़े लोगों को पहचानना आसान होता है.

गैंग इन लोगों को धमकाते हैं और कई मामलें में अपहरण या हत्या तक कर देते हैं जैसे परवेश वर्मा को गोली मारी गई. हाल ही में पंजापी गायक मनप्रीत औलख ने कहा है कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं.

ये गैंग अमीर कारोबारियों, शराब कारोबारियों, सट्टेबाज़ों और चर्चित अमीर लोगों से भी रक़म वसूलते हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक़ इसके अलावा ये गैंग हत्याएं, हथियारों और ड्रग्स की तस्करी भी करते हैं.

पुलिस सूत्रों का ये भी कहना है कि कई नेता भी अपने हित साधने के लिए इन गैंगों का इस्तेमाल करते रहे हैं. यहीं ये गैंगस्टर फ़िल्म और संगीत उद्योग में पैसा भी लगाते हैं.

पंजाब पुलिस महानिदेशक के कार्यालय में उपलब्ध आँकड़ों के मुताबिक़ इस साल मध्य अप्रैल तक 158 क़त्ल हो चुके थे. यानी हर महीने क़रीब 50 क़त्ल पंजाब में हो रहे हैं.

2021 में प्रदेश में 724 लोगों की हत्याएं हुईं थीं जबकि 2020 में 757 लोगों की हत्या हुई थी. 2021 में हर महीने क़रीब 60 और 2020 में 65 हत्याएं हो रहीं थीं.

डीजीपी कार्यालय के मुताबिक़ इस साल मध्य अप्रैल तक पंजाब पुलिस ने गैंगस्टरों के 16 मॉड्यूल पकड़े और 98 लोगों को गिरफ़्तार करके जेल भेजा.

आधिकारिक आँकड़ों के मुताबिक़ इस साल अब तक 6 लोगों की हत्या गैंग संबंधित अपराध में हो चुकी है.

पंजाब में आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार ने एडीजीपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में गैंग हिंसा को रोकने के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स का गठन किया है.

वहीं हथियारों को लेकर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो का डेटा बताता है कि पंजाब में स्थिति गंभीर है.

भारतीय दंड संहिता की धारा 324 बंदूक हिंसा से जुड़े अपराध से संबंधित हैं.

साल 2020 के एनसीआरबी के आँकड़ों के मुताबिक़ पंजाब में बंदूक हिंसा के 2301 पीड़ित थे और अपराध दर 7.4 थी.

इसकी तुलना में पड़ोसी प्रांत हरियाणा में कुल 1871 पीड़ित थे और अपराध दर 5.9 थी.

भारतीय दंड संहिता की धारा 326 गंभीर चोट पहुँचाने के लिए ख़तरनाक हथियारों के इस्तेमाल से संबंधित है.

साल 2020 में इस श्रेणी में पंजाब में कुल 598 पीड़ित थे जबकि पड़ोसी हरियाणा में ये संख्या सिर्फ 112 ही थी. वहीं पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में ऐसा सिर्फ़ एक ही मामला था.

हालांकि पंजाब में साल 2020 में कुल 757 हत्याएं हुईं जो हरियाणा के मुक़ाबले कम हैं. इस साल हरियाणा में 1143 क़त्ल हुए थे.

वहीं एनसीआरबी के मुताबिक़ साल 2020 में पंजाब में गैंग हिंसा में एक भी व्यक्ति की हत्या नहीं हुई थी.

लाइसेंस लेकर हथियार रखने के मामले में भी पंजाब देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है.

गैंगस्टरों से संबंधित कुछ प्रमुख घटनाएं

नवंबर 27, 2016 नाभा जेल ब्रेक की घटना ने पंजाब में गैंगस्टर हिंसा को सामने ला दिया था. गैंगस्टरों ने जेल पर हमला करके छह बंदियों को छुड़ा लिया था. इनमें दो खालिस्तानी उग्रवादी और चार गैंगस्टर शामिल थे. हरिंदर सिंह मिंटू, सोनू मुकड़ी, विकी कोंडार, नीता देवल, अमदीप धोतिया और कश्मीर सिंह को छुड़ा लिया गया था.

जनवरी 26, 2018 पुलिस ने गैंगस्टर हरिंदर सिंह उर्फ़ विकी गोंडार और उनके सहयोगी प्रेमा लाहोरिया को मार गिराने का दावा किया. ये लोग नाभा जेल से फरार हुए थे. पुलिस ने गंगानगर के एक गांव में एनकाउंटर किया था.

अप्रैल 14, 2018 सिंगर परवेश वर्मा को गोली मार दी गई थी, लेकिन उनकी जान बच गई.

अक्तूबर 11, 2020 चंडीगढ़ में एक मॉल के बाहर पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र नेता गुरलाल की हत्या कर दी गई. गुरलाल को लॉरेंस बिश्नोई का क़रीबी माना जाता था.

अगस्त 27, 2021 अकाली दल नेता विकी मिडूखेड़ा की मोहाली में हत्या कर दी गई.

मार्च 14, 2022 अंतरराष्ट्रीय स्तर के कबड्डी खिलाड़ी नांगल अंबिया की जालंधर के मल्लियां गांव में कबड्डी प्रतियोगिता के दौरान हत्या.

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English summary
story of gangs of punjab
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