न पीछा किया न प्यार किया, फिर भी मिला मौत का लव-लेटर
बैंगलोर। अनिल ने न उस लड़की का पीछा किया, न उससे एकतरफा प्यार करता था, न ही कभी गंदी नजर से देखा, फिर भी मौत का लव लेटर उसे मिल गया। वो भी सिर्फ इसलिये क्योंकि वो दलित था। आप सुनकर चौंक रहे होंगे कि अंग्रेजों को छोड़कर गए 70 साल हो गये और अभी भी दलित और उच्च वर्ग का अंतर है।
चौकिए नहीं ऐसा है और यह घटना है उत्तरी बैंगलोर के एक गांव की। 23 साल के विट्ठल मेथरी ने बैंगलोर आकर एक राज्य मंत्री से मुलाकात की और उनसे पूछा कि एक उच्च जाति के लड़के का उसकी प्रेमिका को प्रेमपत्र पहुंचाने से मना करने की कीमत उसके भाई अनिल को जान देकर क्यों चुकानी पड़ी।
उल्लेखनीय है कि 17 साल के अनिल की मौत बीते 7 जुलाई को हो गई थी। आरोप है कि उसे कर्नाटक के बैगलकोट जिले के मिरजी गांव के उच्च जाति के लोगों ने जहर दे दिया था। अनिल का भाई विट्ठल ने बुधवार को जी मंजूनाथ से मुलाकत की। मुलाकात के बाद विट्ठल ने बताया कि मंजूनाथ ने उनसे वादा किया है कि वो इस मुद्दे को गंभीरता से विधानसभा में उठाएंगे।
जानकारी के मुताबिक 1 जुलाई को रात करीब 8 बजे चार लोग आए और अनिल को उठा कर ले गये। क्योंकि उसने एक उच्च जाति की लड़की को प्रेमपत्र पहुंचाया था। विट्ठल के मुताबिक प्रवीण नामक एक लड़के का उसी के जाति की एक लड़की से प्रेम संबंध था। प्रवीण उसके पास आया और उसने अनिल को पत्र पहुंचाने के लिए कहा।
चुकि सभी रेड्डी जाति से संबंध रखते थे इसलिए अनिल इंकार नहीं कर पाया। अगले दिन शाम को लड़की के पिता को मामले के बारे में पता चला और वो अनिल को उसके घर से उठाकर ले गये। किसी अनहोनी की आशंका समझ अनिल के घर वालों ने लड़की के पिता का पीछा किया। अनिल कुछ दिनों तक लापता रहा फिर एक दिन बेतहाशा हालत में खेत में मिला। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि उसे जहर दिया गया है।