ब्यूटी विद ब्रेन: स्मिता 23 साल में बन गई थी IAS, पहली बार में ही ले आई थीं 4th रैंक
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नई दिल्ली। आईएएस और आईपीएस की जॉब युवाओं को हमेशा से आकर्षित करती रही है। देश में हर लाखों उम्मीदवार इस नौकरी का सपना देख परीक्षा देते हैं, लेकिन कुछ ही इसमें सफल हो पाते हैं। आज हम एक ऐसी महिला आईएएस की बात कर रहे हैं जो महज 23 साल की उम्र में आईएएस बन गई थीं। स्मिता सभरवाल देश की सबसे कम उम्र की महिला आईएएस अधिकारियों में एक हैं।
स्मिता सभरवाल को जनता का अधिकारी भी कहा जाता है
स्मिता सभरवाल भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं, जिन्हें तेलंगाना राज्य में किए गए कई सुधारों के लिए जाना जाता है। उनके प्रशासकीय कौशल ने तेलंगाना के लोगों की विभिन्न तरीकों से मदद की है। उन्हें पीपुल्स ऑफिसर यानी जनता का अधिकारी भी कहा जाता है। इसकी वजह ये है कि उन्होंने जनता पर केंद्रित कई योजनाओं का सफलता से अमल किया।
कार्टून के चलते आई थीं चर्चा में
वे उस वक्त अचानक चर्चा में आई गई थीं जब आउटलुक मैगजीन ने अपने कार्टून में उन्हें रैंप वॉक करते हुए दिखाया था। जिसके बाद उन्होंने मैगजीन को नोटिस थमा दिया था। यहीं नहीं एक बार तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव उनकी फोटो खींचते देखे गए थे।
स्मिता के पति आईपीएस हैं
दार्जिलिंग में जन्मी स्मिता सबरवाल कर्नल प्रणब दास की बेटी हैं। स्मिता ने आईपीएस ऑफिसर डॉक्टर अकुन सबरवाल से शादी की है, उनके दो बच्चे नानक और भुविश हैं। कॉमर्स से ग्रेजुएट स्मिता ने महज 23 साल की उम्र में IAS परीक्षा पास कर ली थी और उन्हें ऑल इंडिया रैंकिंग में चौथा स्थान मिला था।
पहली नियुक्ति चित्तूर जिले में बतौर सब-कलेक्टर हुई
स्मिता सभरवाल की पहली नियुक्ति चित्तूर जिले में बतौर सब-कलेक्टर हुई और फिर आंध्र प्रदेश के कई जिलों में एक दशक तक काम करते रहने के बाद उन्हें अप्रैल, 2011 में करीमनगर जिले का डीएम बनाया गया।
हेल्थ केयर सेक्टर में 'अम्माललाना' प्रोजेक्ट की शुरुआत की
यहां उन्होंने हेल्थ केयर सेक्टर में 'अम्माललाना' प्रोजेक्ट की शुरुआत की। इस प्रोजेक्ट की सफलता के चलते स्मिता को प्राइम मिनिस्टर एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया गया।