पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने पर रोक को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाए जाने पर रोक के लिए आदेश देने की मांग की गई है। याचिका में कोरोना महामारी का हवाला देते हुए अदालत से गुजारिश की गई है कि वो संबधित विभागों और अधिकारियों को ये आदेश दें कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली का ना जलाया जाना सुनिश्चित करें।
याचिका में ये भी मांग की गई है कि इन तीनों राज्यों में एक्सपर्ट की टीम भेजी जाए, जो इस समस्या का हल निकालने के लिए काम करें। याचिका में पराली जलने के बाद दिल्ली के आसपास प्रदूषण के बहुत ज्यादा बढ़ने के बीते सालों के रिकॉर्ड का हवाला दिया गया है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस बार हालात और ज्यादा खराब हो सकते हैं क्योंकि लोग कोरोना जैसी महामारी का पहले ही सामना कर रहे हैं।
हर साल अक्टूबर नवंबर में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण काफी बढ़ जाती है। इसकी वजह खासतौर से हरियाणा, पंजाब में पराली जलना माना जाता है। बीते साल भी इसको लेकर दिल्ली-एनसीआर को काफी परेशानी हुई थी। इस साल भी ये समस्या शुरू हो गई है। पंजाब में किसानों ने फसलों के बचे हुए भागों यानी पराली को जलाना शुरू भी कर दिया है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा में भी प्रदूषण बीते कुछ दिनों में बढ़ गया है। दिल्ली की हवा की गुणवत्ता का स्तर फिर गिरने लगा है। शनिवार की सुबह यह मध्यम श्रेणी में रही, जबकि सोमवार तक इसके खराब की श्रेणी में आने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर हाल ही में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ पीके मिश्रा ने भी उच्च स्तरीय बैठक की थी। बैठक में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन और केंद्र सरकार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड विभागों के सचिव शामिल थे।
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