क्वारंटीन सेंटर: जमात को लेकर दिल्ली सरकार के कर्मचारियों में भी हड़कंप, LG-CM से गुहार
नई दिल्ली- तबलीगी जमात की वजह से दिल्ली सरकार के कर्मचारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल, दिल्ली सरकार के कर्मचारियों की सबसे बड़ी आवासीय कॉलोनी गुलाबी बाग के बीच एक क्वारंटीन सेंटर में जबसे तबलीगी जमात के लोगों को शिफ्ट किया गया है, वहां रहने वाले अधिकारी-कर्मचारी और उनके परिवारों की रातों की नींद और दिन का चैन उड़ गया है। वे दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को खत लिखकर तत्काल उस क्वारंटीन सेंटर को हटाने की मांग कर रहे हैं। उनकी दलील है कि वहां रहने वाले कर्मचारी आपात सेवाओं से जुड़े हुए हैं और अगर वहां संक्रमण फैला तो बहुत ही बड़ी मुश्किल हो सकती है। उन्होंने कुछ जमातियों की ओर से क्वारंटीन तोड़कर भागने की कोशिश की भी बात कही है।
एलजी-सीएम से क्वारंटीन सेंटर शिफ्ट करने की मांग
दिल्ली के गुलाबी बाग इलाके में रहने वाले दिल्ली सरकार के कर्मचारियों ने वहां के एक स्कूल में क्वारंटीन सेंटर बनाए जाने को लेकर विरोध शुरू कर दिया है। दरअसल, वहां सरकार कर्मचारियों के फ्लैट्स के बीच मौजूद स्कूल में तबलीगी जमात के 120 लोगों को क्वारंटीन किया गया है। जाहिर है कि वहां रहने वाले सरकारी कर्मचारी इसकी वजह से कोरोना वायरस के फैलने की आशंका को लेकर डरे हुए हैं। दिल्ली गवर्नमेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने अब इस क्वारंटीन सेंटर से तबलीगी जमात के लोगों को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आवेदन दिया है। उनकी मांग है कि इस क्वारंटीन सेंटर को ऐसी जगह पर शिफ्ट करना चाहिए, जहां की आबादी कम है।
गुलाबी बाग का अगला हॉटस्पॉट बनने की आशंका-आरडब्ल्यूए
गुलाबी बाग गवर्नमेंट्स फ्लैट्स आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष संजीव भारद्वाज ने कहा है कि यह दिल्ली सरकार के कर्मचारियों की शहर की सबसे बड़ी रेसिडेंशियल कॉलोनी है, जहां 15,000 लोग रहते हैं। इस कॉलोनी के बीचोंबीच ही स्कूल है, जिसे क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि अगर तबलीगी जमात के लोगों को तत्काल यहां से दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया गया तो अनिवार्य सेवाओं में शामिल सरकारी कर्मचारियों वाला ये इलाका अगला कोरोना वायरस हॉटस्पॉट बन सकता है। भारद्वाज ने कहा, 'सरकारी कर्मचारियों के परिवार वालों में डर का माहौल है। मंगलवार को तबलीगी जमात के दो सदस्यों ने क्वारंटीन सेंटर से फरार होने की कोशिश की, लेकिन पकड़ लिए गए।........मैंने एलजी और सीएम को भी लिखा है कि उन्हें ऐसे इलाकों में शिफ्ट किया जाए जहां आसपास घनी आबादी न हो।'
2-3 जमाती फरार होने की कोशिश कर चुके हैं
क्वारंटीन सेंटर गुलाबी बाग से हटाने के लिए एलजी और सीएम को और भी खत लिखे गए हैं। दिल्ली गवर्नमेंट एम्पलॉइज वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव उमेश बत्रा ने अपने खत में लिखा है कि इस समय गुलाबी बाग में 2,500 अधिकारी और कर्मचारी अपने परिवार के 15,000 सदस्यों के साथ रह रहे हैं। ऐसे में 120 जमातियों को यहां क्वारंटीन करते वक्त इस बात पर जरा भी ध्यान नहीं दिया गया कि यहां रहने वाले ज्यादातर कर्मचारी कोविड-19 के खिलाफ जारी जंग में आपातकालीन सेवाएं दे रहे हैं। बत्रा ने कहा, 'स्कूल आवासीय फ्लैट्स के बीच में है और यहां रहने वाले लोग और उनके परिवारों को इस बात की चिंता है कि कुछ दिन पहले ही तबलीगी जमात के दो-तीन सदस्यों ने स्कूल से भागने की कोशिश की थी।'
दिल्ली में ज्यादातर संक्रमित जमाती
बता दें कि पिछले महीने के अंत में दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित बंगले वाली मस्जिद से तबलीगी जमात के 2,340 सदस्यों को जबरन निकाला गया था, जो एक धार्मिक आयोजन के सिलसिले में नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाते पकड़े गए थे। तब से निजामुद्दीन मरकज और जमाती कोरोना वायरस के फैलाव की सबसे बड़ी वजह बने हुए हैं। दिल्ली में जितने भी कोरोना के मामले आए हैं, उनमें से अधिकांश जमातियों के ही हैं। ऊपर से रोजाना उनकी ओर से डॉक्टरों,नर्सों और पुलिस वालों के साथ बदसलूकी और गंदी हरकतों की खबरें आती रही हैं। जाहिर है कि इन सब वजहों से अब दिल्ली सरकार के कर्मचारियों में भी एक डर की भावना पैदा हो रही है।
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