42,000 करोड़ रुपए से Indian Navy को मिलेंगी छह नई पनडुब्बियां, हिंद महासागर में चीन की हर चाल होगी फेल
नई दिल्ली। हिंद महासागर में चीन के बढ़ते खतरे को टालने के लिए अब भारतीय नौसेना ने कमर कस ली है। भारत सरकार ने नौसेना के लिए 42,000 करोड़ रुपए की लागत वाले उस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है जिसके तहत स्टेल्थ क्षमता से लैस पनडुब्बियों का निर्माण होगा। माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से नौसेना की ताकत में कई गुना इजाफा होगा। इस प्रोजेक्ट के तहत छह पनडुब्बियों का निर्माण होगा और इन सभी पनडुब्बियों को मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत देश में तैयार किया जाएगा।
Recommended Video
यह भी पढ़ें-400 करोड़ रुपए में 6 स्वाति रडार सिस्टम खरीदेगी सेना
साल 2017 में हुआ था ऐलान
इंग्लिश डेली टाइम्स ऑफ इंडिया की तरफ से बताया गया है कि इन सभी पनडुब्बियों के निर्माण का ऐलान साल 2017 में हुआ था। सरकार की तरफ से घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के मकसद से उस साल मई में स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप पॉलिसी की घोषणा हुई थी। इसी पॉलिसी के तहत सबसे पहले इन्ही पनडुब्बियों को बनाया जाएगा। सूत्रों की ओर से बताया गया है कि इसके लिए विदेशी कंपनियों की मदद ली जाएगी, लेकिन इसका निर्माण भारत में ही होगा। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाल से अखबार ने बताया है कि इसका टेंडर अगले महीने तक जारी हो सकती है। सोमवार को जो जानकारी आई है उसके मुताबिक अगले माह तक मझगांव डॉक्स लिमिटेड और प्राइवेट शिप मेकर एलएंडटी की तरफ से टेंडर जारी किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को प्रोजेक्ट-75 नाम दिया गया है।
पांच विदेशी कंपनियां भी
बताया जा रहा है कि पांच ओरीजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर के साथ कुछ और कंपनियां रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) में अपनी बोलियां लगाएंगी। इसके लिए पांच विदेशी कंपनियों का नाम तय हुआ है जिनमें रूस की ओईएम रुबिन डिजाइन ब्यूरो, फ्रांस की नेवल ग्रुप-डीसीएनएस, जर्मनी की थिसेनकृप मरीन सिस्टम्स, स्पेन की नवैन्टिया और दक्षिण कोरिया की देवू शामिल हैं। नौसेना को उम्मीद है कि साल 2021-2022 के बाद पहली नई पनडुब्बी उसे मिल जाएगी। अभी नौसेना के पास सिर्फ दो नई स्कॉर्पीन और 13 पुराने डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के अलावा दो परमाणु-संचालित पनडुब्बियां हैं। मझगांव डॉकयॉर्ड लिमिटेड में 23,000 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट -75 के तहत 2022 तक फ्रेंच मूल की स्कॉर्पीन की चार और पनडुब्बियां डिलिवरी की जाएंगी। चीन के पास पहले से ही 50 डीजल-इलेक्ट्रिक और 10 परमाणु पनडुब्बियां हैं। पाकिस्तान के पास पांच पनडुब्बियां हैं। वह अगले साल से आठ नई चीनी युआन-क्लास पनडुब्बियों को शामिल करना शुरू कर देगा।