इंडियन स्टार्टअप कंपनी Skyroot Aerospace ने अपर स्टेज रॉकेट इंजन 'रमन' का किया सफल परीक्षण
नई दिल्ली। एक निजी भारतीय स्टार्टअप कंपनी Skyroot Aerospace ने एक अपर स्टेज के रॉकेट इंजन 'रमन' का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इसके साथ ही स्काईरुट एयरोस्पेस एक होमग्रोन रॉकेट इंजन बनाने की क्षमता दिखाने वाली पहली भारतीय निजी फर्म बन गई है। रमन एक 3-डी प्रिंटेड रॉकेट इंजन है, जिसका नाम नोबेल पुरस्कार विजेता सीवी रमन के नाम पर रखा गया है।
No better day than Dr. Vikram Sarabhai's birthday to announce our successful test firing of our Vikram-1 Launch vehicle's upper stage Engine-Raman.
Four Raman engines with multi-start capability produce a thrust of 3.4kN and inserts multiple satellites into orbit. pic.twitter.com/uF9ETTBSTc
— Skyroot Aerospace (@SkyrootA) August 12, 2020
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कंपनी ने जल्द ही अपने पहले रॉकेट को लॉन्च करने की उम्मीद जताई है
स्काईरोट एयरोस्पेस कंपनी ने जल्द ही अपने पहले रॉकेट को लॉन्च करने की उम्मीद जताई है, जो दिसंबर 2021 तक 250-700 किलोग्राम के उपग्रह को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचा सकता है। जून 2020 में अंतरिक्ष में निजी कंपनी की भागीदारी को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद निजी संस्था के लिए अब यह संभव हो पाया है।
पहली बार अंतिम चरण में रमन इंजन का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया
हैदराबाद स्थित स्काईरॉट एयरोस्पेस का कहना है कि उसने भारत में किसी भी निजी अंतरिक्ष कंपनी के रूप में पहली बार अंतिम चरण में रमन इंजन का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। सबसे खास बात यह है कि रमन रॉकेट में हलचल करने वाले पुर्ज़े कम हैँ और इसका वज़न पारंपरिक रॉकेट इंजनों से आधा है। रॉकेट विकसित करने वाले मास्टर माइंड के अनुसार यह कई रीस्टार्ट करने में सक्षम है। इसके अलावा यह एक ही मिशन में कई उपग्रहों को कई कक्षाओं में स्थापित करने में सक्षम है।
पिछले एक दशक में भारतीय अंतरिक्ष उद्योग में कुछ जबरदस्त प्रगति की है
भारत ने पिछले एक दशक में अंतरिक्ष उद्योग में कुछ जबरदस्त प्रगति की है और वह विश्व स्तर पर प्रमुख अंतरिक्ष शक्तियों में से एक है। हालांकि उस प्रगति का अधिकांश हिस्सा नासा या जैक्सा या ROSCOSMOS की लागत के योगदान पर आया है, लेकिन यह सब मुख्य रूप से सरकार द्वारा वित्त पोषित इसरो के माध्यम से हासिल किया गया है।
विक्रम श्रृंखला नाम से लॉन्च वाहनों की एक पंक्ति विकसित कर रही है
निजी कंपनी स्काईरुट एयरोस्पेस ने कहा कि वह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम-विक्रम साराभाई के संस्थापक से प्रेरणा लेते हुए विक्रम श्रृंखला नाम से लॉन्च वाहनों की एक पंक्ति विकसित करने की योजना बना रही है, जिन्हें विशेष रूप से छोटे उपग्रह बाजार की जरूरतों के लिए बनाया जा रहा है।
स्काईरुट एयरोस्पेस की स्थापना इसरो के पूर्व वैज्ञानिकों ने की थी
स्कायरुट फर्म द्वारा विकसित रॉकेट इंजन को Curefit के संस्थापकों मुकेश बंसल और अंकित नागोरी का समर्थन हासिल है। स्काईरुट एयरोस्पेस की स्थापना इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के पूर्व वैज्ञानिकों ने की थी। फर्म ने पहले 100% 3डी प्रिंटेड बाई-प्रोपेलेंट तरल रॉकेट इंजन इंजेक्टर का प्रदर्शन किया।
भारत ने अपने स्पेस सेक्टर को निजी कंपनियों के लिए खोला था
हाल ही में भारत ने अपने स्पेस सेक्टर को निजी कंपनियों जैसे स्काईरुट, बेलाट्रिक्स और अग्निकुल के लिए खोला था। वे 3-डी प्रिंटेड इंजन के साथ छोटे लांचर का निर्माण कर रहे हैं। यह उपग्रह प्रक्षेपण की लागत को नीचे ला रहा है। रिसर्च फर्म फ्रॉस्ट एंड सुलिवन अगले दशक में वैश्विक स्तर पर 10,000 से अधिक छोटे उपग्रहों को लॉन्च करने की है।
जून 2020 में सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्रों के लिए दरवाजे खोले
जून 2020 में भारत सरकार ने निजी क्षेत्रों के लिए दरवाजे खोलकर अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ा सुधार पेश किया था। यह अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को विकास गतिविधियों, अन्वेषण, नई प्रौद्योगिकियों, अन्वेषण मिशन और मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रमों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देगा। निजी कंपनियों के लिए अंतरिक्ष के बुनियादी ढांचे का उपयोग करने के लिए सामान अवसर प्रदान करने के लिए हाल में Indian National Space Promotion and Authorisation Centre (IN-SPACe) बनाया गया था।