आरोप आधारहीन, स्टेन स्वामी को जेल में सिपर और स्ट्रॉ दिया जा रहा- जेल प्रशासन
मुंबई। तलोजा जेल में बंद पार्किंसन बीमारी से जूझ रहे 83 वर्षीय स्टेन स्वामी को जेल में सिपर और स्ट्रॉ न दिए जाने की खबरों का जेल प्रशासन ने खंडन किया है। तलोजा जेल प्रशासन ने कहा है कि स्टेन स्वामी को उनके मांगने के दूसरे दिन से ही जेल में स्वामी को सिपर और स्ट्रॉ उपलब्ध कराया जा रहा है। जेल अधिकारियों के मुताबिक स्वामी को जेल में जरूरी चीजें न दिए जाने की झूठी जानकारी दी जा रही है।
आदिवासी अधिकारों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को NIA ने भीमा-कोरेगांव केस में उनके कथित संबंधों के चलते 8 जून को रांची स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद स्टेन स्वामी को मुंबई की तलोजा जेल में रखा गया है। स्टेन स्वामी पार्किंसन नामक बीमारी से ग्रसित हैं। इस बीमारी में व्यक्ति के अंग कांपने लगते हैं और संतुलन बनाने में समस्या होती है। इसके चलते स्टेन स्वामी ने कोर्ट में अर्जी देकर जेल में उनके लिए सिपर और स्ट्रॉ दिए जाने की अपील की थी।
जेल
पर
आरोप
आधारहीन-
अधिकारी
अदालत
ने
सिपर
और
स्ट्रॉ
के
लिए
राष्ट्रीय
जांच
एजेंसी
(NIA)
से
जवाब
मांगा
था
जिसके
लिए
एनआईए
ने
समय
मांगा।
20
दिन
बाद
एनआईए
ने
कोर्ट
को
बताया
कि
उनके
पास
स्टेन
स्वामी
की
कोई
सिपर
और
स्ट्रॉ
नहीं
है।
इस
दौरान
खबर
आई
कि
अभी
तक
स्टेन
स्वामी
को
जेल
में
सिपर
और
स्ट्रॉ
नहीं
मिल
पाया
है।
ऐसी
गंभीर
हालत
में
एक
बुजुर्ग
और
विचाराधीन
कैदी
को
जेल
में
जरूरी
चीजें
न
दिया
जाने
पर
सरकार
पर
सवाल
खड़े
हो
रहे
थे।
इस
बीच
कुछ
सामाजिक
कार्यकर्ताओं
ने
जेल
में
स्टेन
स्वामी
के
लिए
सिपर
और
स्ट्रॉ
भेजनी
शुरू
कर
दी।
अब जेल प्रशासन ने सिपर और स्ट्रॉ न दिए जाने की खबरों को गलत बताया है। समाचार एजेंसी पीटीआई से एक जेल अधिकारी ने बताया कि स्वामी को सिपर और स्ट्रॉ न दिए की खबर आधारहीन है। अधिकारी ने कहा कि "केवल सिपर और स्ट्रॉ ही नहीं बल्कि हम उन्हें दूसरी सुविधाएं जैसे ह्वील चेयर, चलने के लिए छड़ी, वॉकर और दो सहायक भी उपलब्ध करा रहे हैं।"
अधिकारी ने आगे कहा "हम जानते हैं वे बीमार हैं। उन्हें पार्किंसन नामक बीमारी है। ऐसे में हम उन्हें जिन चीजों की जरूरत है वो मुहैया क्यों नहीं कराएंगे ?"
फादर स्टेन स्वामी को स्ट्रॉ-सिपर के लिए दिसंबर तक करना होगा इंतजार