कॉलेज ने लड़कियों के लिपस्टिक और काजल पर लगाया बैन, लड़कों से दूर रहने की हिदायत
मंगलोर। कर्नाटक के मंगलोर में एक कॉलेज ने लड़कियों को लेकर ऐसे नियम लागू किए हैं, जिस पर काफी हंगामा छिड़ा हुआ है। राज्य के नामी कॉलेज ने लड़कियों के उठने बैठने से लेकर उनके मेकअप तक के लिए गाइडलाइन जारी की हैं।
सेंट एलॉयसिस पीयू कॉलेज मंगलोर की पूर्व छात्रा सतश्या थारिएन ने इन नियमों के विरोध में एक ब्लॉग पोस्ट लिखी है। नए नियम के तहत लड़कियों के मेकअप करने पर मनाही है और उन्हें ड्रेस कोड फॉलो करने पर भी मजबूर किया जा रहा है। यही नहीं, लड़कियों को लड़कों से दूर रहने की भी हिदायत दी गई है।
पढ़ें: मनपसंद पार्टनर चुनने के लिए ये रास्ता अपना रही हैं महिलाएं
कॉलेज ने जारी किए ये नियम
- लड़के-लड़कियां एक दूसरे को छुएंगे नहीं।
- लड़कियां लड़कों के करीब नहीं जाएंगी।
- कॉलेज में किस करने और गले मिलने पर पूरी तरह पाबंदी।
- पेड़ों के नीचे, पार्क, पार्किंग एरिया, बुक स्टोर, बस स्टैंड और दूसरे स्थानों में लड़कों के साथ दिखने पर रोक।
- लंच के लिए लड़कियों के कैंपस से बाहर जाने पर रोक।
- ब्रेक के दौरान दूसरी क्लास के लड़कों से कोई बात नहीं होगी।
- पब और पार्टियों में जाने पर पूरी तरह रोक।
- लड़के-लड़कों के बीच किसी तरह के शारीरिक संपर्क पर पूरी तरह रोक।
- कलर्ड लिपस्टिक पर पूरी तरह पाबंदी।
- भारी भरकम मेकअप नहीं। मेकअप का सामान बैग में मिलने पर वापस नहीं किया जाएगा।
- ज्यादा मोटा काजल लगाने पर भी पाबंदी।
- रंगबिरंगे जूते पहनने पर भी रोक।
- सिर्फ हथेलियों पर ही मेंहदी लगाने की छूट।
- बाल खुले रखने पर सख्त पाबंदी। बालों में कलर करने पर भी रोक।
- समाज के नियमों के मुताबिक, लड़के-लड़कियों के बीच दूरी बनाए रखना चाहिए।
नियम
तोड़ने
पर
मिलेगी
ये
सजा
कॉलेज
ने
नियमों
के
साथ
जुर्माना
भी
तय
कर
दिया
है।
पहली
बार
नियम
तोड़ने
पर
500
रुपये
जुर्माना
लगेगा।
दोबारा
नियम
तोड़ने
पर
राशि
दोगुनी
हो
जाएगी।
लगातार
शिकायत
आने
पर
परिजनों
को
बुलाया
जाएगा
और
सुधार
न
होने
पर
कॉलेज
से
बाहर
कर
दिया
जाएगा।
पढ़ें: किसने लीक की थी संदीप कुमार की सेक्स सीडी?
प्रिंसिपल
ने
कहा-
नहीं
जारी
किया
कोई
नियम
कॉलेज
के
प्रिंसिपल
ने
इस
संबंध
में
कहा
कि
यह
अनाधिकारिक
नियम
हैं।
लड़कियों
के
लिए
कॉलेज
में
सिर्फ
एक
ओरिएंटेशन
प्रोग्राम
कराया
गया
था।
किसी
ने
जानबूझ
कर
कॉलेज
को
बदनाम
करने
के
लिए
ऐसे
पर्चे
छपवाए
हैं।
उन्होंने
कहा,
'जिस
पेज
पर
नियम
लिखे
गए
हैं,
उसमें
कॉलेज
की
मुहर
या
अधिकारिक
लेटर
नहीं
है।'