जम्मू-कश्मीर के 50 से अधिक नेताओं के लिए जेल बना संतूर होटल
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद वहां अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। जबकि जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं को नजरबंद किया गया है, जिनमें पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के डल झील के किनारे बना संतूर होटल 50 से अधिक कश्मीरी नेताओं के लिए जेल बना हुआ है।
50 से अधिक नेता इस होटल में, बाहर कड़ा पहरा
इस नेताओं को सोमवार को अपने रिश्तेदारों और करीबियों से मिलने की अनुमति दी गई, वे लोग इनके लिए कपड़े, फल और अन्य सामान लेकर आए थे। 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से इसी होटल में इन नेताओं को रखा गया है। इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक, इन नेताओं में सज्जाद लोन, इमरान अंसारी, इश्फाक जब्बार, यासिर रेसी, मुबारक गुल, नईम अख्तर, अशरफ मीर, सलमान सागर, खुर्शीद आलम, वाहिद पारा आदि शामिल हैं।
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प्रशासन की अनुमति से रिश्तेदार मिल सकते हैं
होटल में इन नेताओं से मुलाकात कर लौटे एक बुजुर्ग ने कहा, ' ये एक जेल की तरह है लेकिन हमें खुशी है कि मेरा बेटा ठीक है।' बुजुर्ग ने कहा कि हमें कुछ देर तक होटल रूम से बाहर गैलरी में जाने की इजाजत दी गई थी। मेरे बेटे ने बताया कि उनकी देखभाल की जा रही है लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि बाहर क्या हो रहा है। जो लोग मिलने आ रहे हैं वे लोग और समाचार पत्र ही उनकी सूचना के स्रोत हैं। इस बीच बताया जा रहा है कि होटल में रखे गए नैशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस नेताओं को बाहर के घटनाक्रम की जानकारी मिल रही है।
कपड़े-फल आदि लेकर लोग आते हैं होटल में मिलने
जबकि एक बुजुर्ग महिला ने कहा, 'मैं रविवार को शाम 6 बजे आई थी लेकिन मुझे अनुमति नहीं दी गई, पुलिस ने बताया कि मिलने का समय सुबह 10 से शाम चार बजे तक है।' महिला का कहना था कि उनके पति ने कभी कानून का उल्लंघन नहीं किया लेकिन उनको बंद कर दिया गया है। बता दें कि संतूर होटल का निर्माण 1980 में हुआ था।
अखबार पढ़ते हैं होटल में बंद नेता
एक नेता के करीबी सहयोगी के मुताबिक, 'वे घाटी में राजनीतिक हालात को लेकर चिंतित हैं, हम उनके लिए कुछ सामान लेकर गए थे लेकिन सुरक्षाबलों ने सिगरेट का पैकेट ले जाने की अनुमति नहीं दी। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते प्रशासन ने आदेश जारी किया था कि जेल में बंद नेताओं से उनके परिवार वाले प्रशासन की अनुमति से मिल सकते हैं। वहीं, एक सुरक्षाकर्मी ने बताया कि नेताओं को जेल की तरह से ही रहने की अनुमति दी गई है। वहां टीवी नहीं है लेकिन वे अखबार पढ़ रहे हैं और किताबें पढ़कर खुद को व्यस्त रख रहे हैं।