श्री श्री रविशंकर का बड़ा बयान, कहा- बड़ी संख्या में मुस्लिम नहीं कर रहे राम मंदिर का विरोध
नई
दिल्ली।
कई
बार
एक
हल
असंभव
दिखता
है
लेकिन
हमारे
लोग,
युवा
और
दोनों
समुदायों
के
नेता
इसे
संभव
कर
सकते
हैं।
मैं
मानता
हूं
बहुत
सारे
लोग
इससे
सहमत
नहीं
होंगे
लेकिन
बड़ी
संख्या
में
मुस्लिम
राम
मंदिर
का
विरोध
नहीं
कर
रहे
हैं।
उत्तर
प्रदेश
स्थित
अयोध्या
में
रामजन्म
भूमि
का
मसला
सुलझाने
आगे
आए
श्रीश्री
रविशंकर
ने
यह
बातें
कहीं।
बता
दें
कि
सुप्रीम
कोर्ट
में
5
दिसंबर
से
अयोध्या
मसले
पर
हर
दिन
सुनवाई
होगी।
इससे
पहले
30
अक्टूबर,
2008
को
इलाहाबाद
हाई
कोर्ट
ने
विवादित
भूमि
को
तीन
हिस्सों
में
विभाजित
करते
हुए
दो
हिस्सों
को
राम
मंदिर
के
पैरोकारों
और
एक
हिस्सा
बाबरी
मस्जिद
के
पैरोकारों
को
सौंपने
का
आदेश
किया
था।
अदालत
में
ये
विवाद
1950
से
चल
रहा
है,
यानी
पिछले
67
वर्षों
से
इस
विवाद
का
कोई
हल
नहीं
निकल
पाया
है।
देश
के
कई
प्रधानमंत्री,
मुख्यमंत्री
और
अदालतें
इस
विवाद
का
हल
निकालने
की
कोशिश
कर
चुकी
हैं।
लेकिन
कोई
भी
कामयाब
नहीं
हो
पाया।
किसी
भी
विवाद
को
सुलझाने
के
लिए
67
वर्ष
बहुत
ही
लंबा
समय
होता
है।
इससे पहले श्री श्री ने शिया वक्फ बोर्ड के पक्षकारों से मुलाकात की थी, जिसपर सुन्नी बोर्ड ने आपत्ति जताई थी। सुन्नी बोर्ड के इकबाल अंसारी ने शिया बोर्ड के चेयरमैन रिजवी के फार्मूले के खारिज कर दिया, उन्होंने कहा कि यह एक पक्षीय है। इससे पहले श्री श्री ने देश के ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद आदित्यनाथ ने कहा था कि हम इस मामले में हर सकारात्मक पहल का स्वागत करते हैं।