Sputnik V:कुछ राज्यों में बढ़ रहे मामलों के बीच एक और Covid Vaccine के इमरजेंसी इस्तेमाल की तैयारी
नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना वायरस के नए मामलों की संख्या अचानक फिर से बढ़ने लगी है। खासकर महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में स्थिति बिगड़ने की सूरत के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर है और लॉकडाउन जैसी पाबंदियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस चिंता के बीच राहत की खबर ये है कि हैदराबाद स्थित दवाई-निर्माता कंपनी डॉक्टर रेड्डी लैबोरेटरीज ने एक और वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दिलवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
'स्पुतनिक-V'के
इमरजेंसी
इस्तेमाल
की
तैयारी
डॉक्टर
रेड्डी
लैबोरेटरीज
ने
रूसी
कोरोना
वैक्सीन
'स्पुतनिक-V'के
भारत
में
इमरजेंसी
इस्तेमाल
की
मंजूरी
दिलाने
की
प्रक्रिया
शुरू
कर
दी
है।
भारत
में
इस
तरह
की
मंजूरी
देने
का
अधिकार
ड्रग्स
कंट्रोलर
ऑफ
इंडिया
(डीजीसीआई)
को
है।
भारत
में
अभी
तक
दो
तरह
की
कोराना
वैक्सीन
को
इस
तरह
की
मंजूरी
दी
गई
है।
इनमें
से
एक
'कोविशील्ड'
है,
जिसे
ऑक्सफोर्ड
यूनिवर्सिटी
और
एस्ट्राजेनेका
ने
विकसित
किया
है
और
भारत
के
पुणे
स्थित
सीरम
इंस्टीट्यूट
ऑफ
इंडिया
इसका
उत्पादन
कर
रही
है।
दूसरी
वैक्सीन
भारत
बायोटेक
की
'कोवैक्सीन'
है,
जो
पूरी
तरह
से
स्वदेशी
है।
भारत
में
तीसरे
फेज
का
क्लिनिकल
ट्रायल
जारी
'स्पुतनिक-V'के
फेज-3
की
स्टडी
21
फरवरी
तक
पूरा
कर
लिए
जाने
की
उम्मीद
है।
इस
दौरान
डॉक्टर
रेड्डी
फेज-2
की
स्टडी
का
सेफ्टी
प्रोफाइल
और
फेज-3
की
स्टडी
की
अंतरिम
डेटा
पेश
करेगा।
पिछले
साल
सितंबर
में
डॉक्टर
रेड्डी
लैब
ने
'स्पुतनिक-V'के
भारत
में
क्लिनिकल
ट्रायल
के
लिए
रूस
की
डायरेक्ट
इंवेस्टमेंट
फंड
के
साथ
साझेदारी
की
थी
और
उससे
वितरण
के
अधिकार
भी
मांगे
थे।
भारत
में
इस
समय
इस
वैक्सीन
का
तीसरे
फेज
का
क्लिनिकल
ट्रायल
चल
रहा
है।
तीसरे
फेज
के
अंतरिम
क्लिनिकल
ट्रायल
में
91.6
फीसदी
प्रभावकारी
दावे
के
मुताबिक
'स्पुतनिक-V'तीसरे
फेज
के
अंतरिम
क्लिनिकल
ट्रायल
में
91.6
फीसदी
प्रभावकारी
साबित
हुआ
है।
यह
डेटा
रूस
में
19,866
लोगों
पर
इस
वैक्सीन
की
दोनों
खुराक
दिए
जाने
के
बाद
जुटाया
गया
है।
डॉक्टर
रेड्डी
लैबोरेटरीज
के
को-चेयरमैन
और
मैनेजिंग
डायरेक्टर
जीवी
प्रसाद
के
मुताबिक,
'लैंसेट
की
रिपोर्ट
में
स्पुतनिक-V
को
91.6
फीसदी
प्रभावी
बताया
गया
है,
जो
कि
कोविड-19
के
खिलाफ
लड़ाई
में
एक
बढ़िया
बात
है।'
दावे
के
मुताबिक
60
वर्ष
से
ज्यादा
के
2,144
वॉलेंटियर
में
'स्पुतनिक-V'
91.8
फीसदी
तक
प्रभावी
रहा
है।
20
लाख
से
ज्यादा
लोगों
को
लगाई
गई
है
ये
वैक्सीन
बता
दें
कि
'स्पुतनिक-V'को
रूस
के
गैमेलेया
नेशनल
रिसर्च
इंस्टीट्यूट
ऑफ
एपिडेमियोलॉजी
और
माइक्रोबायोलॉजी
ने
विकसित
किया
था
और
इसे
पिछले
साल
11
अगस्त
को
ही
रूसी
स्वास्थ्य
मंत्रालय
ने
रजिस्टर्ड
किया
था।
यह
कोरोना
के
खिलाफ
विकसित
पहली
वैक्सीन
है,
जिसे
सबसे
पहले
इंसानों
पर
इस्तेमाल
की
रूस
में
मंजूरी
दी
गई
थी।
अभी
तक
दुनियाभर
में
20
लाख
से
ज्यादा
लोगों
को
यह
वैक्सीन
लगाई
जा
चुकी
है।