पंजाब में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या हुई 86, 13 अधिकारी भी सस्पेंड
नई दिल्ली। पंजाब के अमृतसर, बटाला और तरनतारन में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से 86 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। आरोपियों की तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई हैं। फिलहाल अभी तक 25 लोगों को ही गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 100 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पंजाब सरकार ने तत्काल प्रभाव से 13 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। वहीं जांच के लिए एक SIT गठित की गई है।
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मृतकों के परिवार को दो लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। सरकार के मुताबिक मरने वालों में तरनतारन के 63, अमृतसर देहात के 12 और गुरुदासपुर के बाटला से 11 लोग शामिल हैं। इसके अलावा सीएम ने एक्साइज और टैक्सेसन विभाग के 7 अधिकारियों, 2 डीएसपी और 4 एसएचओ को सस्पेंड कर दिया है। इन सभी अधिकारियों के खिलाफ जांच के भी आदेश दिए गए हैं। राज्य सरकार के मुताबिक इन अधिकारियों की लापरवाही से इतनी बड़ी घटना हुई है।
एक
महिला
भी
गिरफ्तार
इस
मामले
में
आईपीसी
की
धारा
304
के
तहत
मामला
दर्ज
कर
एक
महिला
बलविंदर
कौर
को
गांव
में
अवैध
शराब
बेचने
के
संदेह
में
गिरफ्तार
किया
गया
है।
शिरोमणि
अकाली
दल
के
स्थानीय
नेता
बलबीर
सिंह
ने
बताया
कि
गांव
में
सभी
जानते
हैं
कि
बलविंदर
कौर
अवैध
शराब
बेचने
का
कारोबार
करती
है,
लेकिन
ये
आश्चर्य
की
बात
है
कि
पुलिस
और
सरकार
को
इस
बात
की
जानकारी
कैसे
नहीं
मिली।
वहीं
दूसरी
ओर
सीएम
अमरिंदर
ने
डिविजनल
कमिश्नर
को
यह
छूट
दी
है
कि
वे
इस
मामले
की
तहकीकात
के
लिए
किसी
भी
पुलिस
अफसर
या
विशेषज्ञ
की
सहायता
ले
सकते
हैं।
सीएम
ने
कहा
जांच
में
दोषी
पाए
गए
लोगों
के
खिलाफ
प्रशासन
कड़ी
कार्रवाई
करेगा।
लॉकडाउन में नहीं मिली शराब तो पी गए सैनिटाइजर, 9 लोगों की मौत
कुछ
परिवारों
की
अलग
कहानी
गुरदासपुर
के
डिप्टी
कमिश्नर
मोहम्मद
इश्फाक
के
मुताबिक
कई
परिवार
ऐसे
भी
हैं,
जिन्होंने
ये
मानने
से
इनकार
कर
दिया
है
कि
उनके
परिजनों
की
मौत
नकली
शराब
पीने
की
वजह
से
हुई
है।
उनका
कहना
है
कि
मौत
की
वजह
जहरीली
शराब
नहीं
बल्कि
हार्टअटैक
है।
वहीं
कई
पीड़ित
परिवार
ऐसे
भी
हैं,
जो
पुलिस
को
बयान
देने
से
इनकार
कर
रहे
हैं।