ITBP के रिकॉर्ड्स से खुलासा, डोकलाम के बाद चीन ने लद्दाख से अरुणाचल तक की घुसपैठ
नई दिल्ली। भारत और चीन की ओर डोकलाम मसले पर हल के दो महीने के भीतर ही घुसपैठ की घटनाओं में इजाफा हुआ है। यह घटनाएं चीन की ओर से भारत में की जा रही है। इस बात का खुलासा इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के रिकॉर्ड्स में हुआ है। रिकॉर्ड्स के अनुसार अक्टूबर नवंबर के महीने में 31 घुसपैठ की घटनाएं हुई हैं जो डेपसांग, ट्रिग हाईट और ठाकुंग पोस्ट के भीतर हैं। कई मामलों में चीन की पिपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिक सीमा के 20 किलोमीटर भीतर तक चले आए। बता दें कि ITBP, चीन भारत सीमा पर तैनात है। रिकॉर्ड्स के मुताबिक पहला घुसपैठ 12 अक्टूबर को हुआ जब चीनी सैनिक ट्रिग हाईट के भीतर गाड़ी से सुबह पांच बजे, भारतीय सीमा के 2 किलोमीटर भीतर तक आए। इसके 2 घंटे बाद और 6 किलोमीटर अंदर आए। फिर 14 और 21 अक्टूबर को पैंगोंग झील झील में चीनी सैनिक, नाव से भारतीय सीमा के भीतर 6 किलोमीटर तक अंदर आए।
गाड़ी या नाव से करते हैं घुसपैठ
रिकॉर्ड्स के अनुसार घुसपैठ की चार घटनाएं को पैंगोंग झील के पास 14 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच दर्ज की गईं। सभी में चीनी सैनिक गाड़ी या नांव से आए। 31 अक्टूबर और 5 नवंबर को, पीएएलए कर्मियों ने पैंगोंग झील क्षेत्र में भारतीय क्षेत्र में 19 किमी प्रवेश किया। आईटीबीपी के रिकॉर्ड के अनुसार ये घुसपैठ दोबारा क्रमशः 2.30 बजे और 12.55 बजे दर्ज किए गए। उत्तराखंड में भी कुछ घुसपैठ की सूचना मिली।
बार-बार घुसपैठ किया जा रहा
11 अक्टूबर को, पीएलए सैनिकों के भारतीय क्षेत्र में घुसने की सूचना दी गई है। वापस जाने से पहले वे कुछ समय तक वहां रहे थे। बारहोटी जो एक खुली चारागाह वो भारत-चीन सीमा पर एक विवादित क्षेत्र है जहां चीन द्वारा बार-बार घुसपैठ किया जा रहा है।
टिप्पणी से इनकार
अंग्रेजी समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक ITBP रिकॉर्ड में अरुणाचल प्रदेश में, 1 नवंबर और 2 नवंबर को डिचु और असाफिला क्षेत्रों में घुसपैठ की घटनाएं दर्ज की गईं। हालांकि ITBP प्रवक्ता ने हालिया घुसपैठों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
बीजिंग के समक्ष उठेगा मुद्दा
ITBP के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 'चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसी घटनाएं नियमित रूप से होती हैं चीनी सैनिक आते हैं और चले जाते हैं। समस्या तब शुरू होती है, जब वे कैंप लगा लेते हैं। ' हालांकि, वरिष्ठ गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने अपने समकक्षों से कहा कि वे बीजिंग के समक्ष ये मामले को उठाएं।