स्पाइसहेल्थ, CSIR-IGIB ने दिल्ली हवाई अड्डे पर स्थापित की जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला
स्पाइसहेल्थ और सरकारी अनुसंधान संस्थान CSIR-IGIB ने गुरुवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जीनोम अनुक्रमण के लिए एक पोर्टेबल परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की है।
नई दिल्ली। स्पाइसहेल्थ और सरकारी अनुसंधान संस्थान CSIR-IGIB ने गुरुवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जीनोम अनुक्रमण के लिए एक पोर्टेबल परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की है। लैब का उद्देश्य यूके जैसे देशों में उभरे कोरोनोवायरस के नए वेरिएंट के खिलाफ जल्द कार्रवाई सुनिश्चित करना है। हाल ही में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा घोषित किया गया था कि CSIR-IGIB भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) का एक घटक सदस्य है।
इस प्रयोगशाला का उद्घाटन नीती आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल द्वारा सीएसआईआर-आईजीआईबी के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल, स्पाइसजेट के सीएमडी अजय सिंह और स्पाइस हेल्थ की सीएमओ अवनी सिंह की मौजूदगी में किया गया। इस मौके पर नीती आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि, "मैं लोगों के लिए इस अत्याधुनिक नैदानिक क्षमता को लाने के लिए रोग नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय केंद्र और स्पाइस हेल्थ को बधाई देता हूं।"
इसे भी पढ़ें: कोरोना के कोवैक्सिन और कोविशील्ड टीके सुरक्षित, दोनों करेंगे प्रतिरक्षा व एंटीबॉडी का निर्माण-सीएम चौहान
वहीं, सीएसआईआर-आईजीआईबी के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा, ''हम 48 मिनट से भी कम समय में 'अनुक्रम' (सीक्वेंस) उत्पन्न कर सकते हैं और वायरस का वैरिएंट होने की स्थिति में सरकार को सूचित कर सकते हैं या नहीं, यह पता लगाने के लिए हमने यहां स्पाइसहेल्थ के साथ एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है।"
उन्होंने आगे कहा कि, भारत की क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं में भेजे गए नमूने अनुक्रमण (सीक्वेंसिंग) करने के लिए लगभग एक सप्ताह का समय लेते हैं। उनके अलावा स्पाइस हेल्थ की सीएमओ अवनी सिंह ने कहा, "कोरोनावायरस के नए म्यूटेंट स्ट्रेंस पर तत्काल और प्रभावी ध्यान देने की आवश्यकता है। हमारे देश में आने वाले नए म्यूटेंट वायरसों के प्रसार को रोकने के लिए प्रारंभिक पहचान महत्वपूर्ण होगी।"