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सांसदों-विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों पर फैसला जल्‍द: SC

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नई दिल्‍ली। वर्तमान और पूर्व विधायक व सांसदों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को स्पेशल कोर्ट में जल्द निपटाने की याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसपर जल्‍द फैसला लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में दागी विधायकों/ सासंदों को जीवनभर चुनाव लड़ने से रोकने की अर्जी बीजेपी नेता और वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने लगाई थी। केंद्र सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से MP/MLA के खिलाफ आपराधिक मामले में सुनवाई में तेजी लाने को लेकर जो भी फैसला आएगा उसका वह स्वागत करेगी।

वर्तमान और पूर्व विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों पर फैसला जल्‍द: SC

सरकार ने सुझाव दिया कि सुप्रीम कोर्ट चाहे तो ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए समय सीमा भी निर्धारित कर सकता है। आज मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र (एमाइकस‌ क्यूरी) और केंद्र सरकार ने कई सुझाव दिए। आपको बता दें कि हाईकोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट को उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चला है कि वर्तमान और पूर्व विधायकों और सांसदों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की संख्या 4,442 है।

न्यायमूर्ति एन.वी. रमन की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष केंद्र की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इन मामलों के तेजी से निस्तारण के बारे में न्याय- मित्र विजय हंसारिया के सुझावों पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। मेहता ने कहा कि अगर विधि निर्माताओं के खिलाफ लंबित मामलों में उच्च न्यायालय ने कार्यवाही पर रोक लगाई है तो शीर्ष अदालत को उसे ऐसे मामले में निश्चित समय-सीमा के भीतर निर्णय करने का निर्देश देना चाहिए।

मेहता ने कहा, 'शीर्ष अदालत जो भी निर्देश देगी, भारत सरकार उसका स्वागत करेगी।' उन्होंने कहा कि यदि विशेष अदालतों में बुनियादी सुविधाओं से संबंधित कोई मसला है तो शीर्ष अदालत संबंधित राज्य सरकार को ऐसे मामले में ज्यादा से ज्यादा एक महीने में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दे सकती है।'

इससे पहले, वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई शुरू होते ही न्याय-मित्र हंसारिया और अधिवक्ता स्नेहा कलिता ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों के विवरण की ओर पीठ का ध्यान आकर्षित किया। हंसारिया ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत अनेक मामलों पर कर्नाटक जैसे उच्च न्यायालयों ने रोक लगा रखी है। इसी तरह भ्रष्टाचार निरोधक कानून तथा धनशोधन रोकथाम कानून के तहत अनेक मामलों पर तेलंगाना उच्च न्यायालय ने रोक लगा रखी है। कई ऐसे भी मामले हैं, जिनमें आरोप भी निर्धारित नहीं हुए हैं।

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English summary
Speedy trial of sitting and former MPs-MLAs facing Corruption charges: Supreme Court.
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