77815 करोड़ में टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की नीलामी, रिलायंस जियो बना सबसे बड़ा खरीदार
नई दिल्ली: भारत में पांच साल में टेलीकॉम स्पेक्ट्रम की पहली नीलामी मंगलवार को खत्म हुई। जिसमें 77,814.80 करोड़ रुपये मूल्य के स्पेक्ट्रम की बिक्री हुई। इस नीलामी में अरबपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने बाजी मारी, क्योंकि उन्होंने अधिकांश स्पेक्ट्रम को खरीदा है। इस बार की नीलामी 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz और 2300 MHz की थी, लेकिन प्रीमियम 700 और 2500 MHz एयरवेव्स किसी ने नहीं लिए।
Recommended Video
दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने बताया कि 855.60 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को दो दिन की नीलामी में 77,814.80 करोड़ रुपये में खरीदा गया। जिसमें रिलायंस जिओ 57,122.65 करोड़ रुपये की बोली के साथ सबसे बड़ा खरीदार बना। इसके बाद वोडफोन-आइडिया ने 1,993.40 करोड़ के स्पेक्ट्रम खरीदे, जबकि भारती एयरटेल ने 18,699 करोड़ रुपये की रेडियो वेव्स का अधिग्रहण किया। उन्होंने बताया कि लगभग एक तिहाई स्पेक्ट्रम नीलाम किया जा रहा है, जो 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में है। ये 2016 की नीलामी के दौरान भी पूरी तरह से नहीं बिके थे।
AGR मामला: एयरटेल ने 1950 और वोडा-आइडिया ने चुकाए 3043 करोड़ रुपये बकाया स्पेक्ट्रम फीस
700 MHz के ना बिकने पर विशेषज्ञों ने कहा कि ऑपरेटरों को एक नए स्पेक्ट्रम बैंड में विविधता लाने की संभावना नहीं है। इसके अलावा ये आर्थिक लिहाज से भी सही नहीं हैं। इस नीलामी प्रक्रिया में सिर्फ तीन कंपनियां जियो, वोडा-आइडिया और एयरटेल शामिल हुई थीं। नए स्पेक्ट्रम पर टेलीकॉम कंपनियों ने कहा कि इस नीलामी के बाद 5जी सेवाएं आसानी से उपलब्ध करवाई जा सकेंगी। इसके अलावा घरों या इमारतों के अंदर भी लोगों को अच्छा नेटवर्क मिलेगा। भारत सरकार के मुताबिक चार लाख करोड़ रुपये के 2,308.80 मोगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम को नीलामी के लिए रखा गया। ये नीलामी उम्मीद से काफी ज्यादा बेहतर रही।