Vikram lander की सलामती के लिए चंद्र देवता की हो रही है विशेष पूजा
चेन्नई: भारत के मून लैंडर विक्रम की सलामती के लिए तमिलनाडु के तंजावुर जिले में स्थित चंद्रनार मंदिर में विशेष प्रार्थना की गई। मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि इसरो के मून लैंडर विक्रम से दोबारा संचार लिंक के लिए भगवान चंद्रमा की पूजा की गई। भगवान चंद्रमा का आशीर्वाद पाने के लिए मंदिर में विशेष 'अभिषेकम' कराया गया। इसरो चीफ सिवन ने बताया कि इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम पूरी तरह से सुरक्षित है।
लैंडर की सलामती के लिए चंद्रमा की पूजा
श्री कैलाशनाथन मंदिर और चंद्रनार मंदिर के प्रबंधक वी कन्नन ने कहा ने कहा कि सुबह के समय चंद्रमा का आर्शीवादा पाने के लिए विशेष अभिषेकम किया गया ताकि चंद्रयान के लैडिंग विक्रम से कम्यूनिकेशन स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि विक्रम में कुछ समस्या आई। उनके मुताबिक चंद्र देवता के लिए सोमवार का दिन विशेष है। चंद्रमा को तमिल में 'थिंगल' के नाम से भी जाना जाता है और सोमवार को तमिल में थिंगल कहते हैं। कन्नन ने कहा कि चंद्रयान 1 की सफलता के लिए साल 2008 में भी विशेष पूजा अर्चना की गई थी।
चंद्रयान 2 के लांचिंग के वक्त नहीं की थी पूजा
कन्नन ने कहा कि हमने 15 जुलाई से पहले कोई प्रार्थना नहीं की थी, जब चंद्रयान 2 के लांचिंग की योजना बनाई गई थी। कुछ तकनीकी समस्या की वजह से उसे स्थगित कर दिया गया था। कन्नन ने कहा कि हमने सोचा कि भगवान चंद्रमा की प्रार्थना नहीं करने की वजह से ये तकनीकी बाधा आई। इसलिए 22 जुलाई को चंद्रयान 2 की लॉचिंग से पहले विशेष प्रार्थना, अभिषेकम और अन्नधनामा आयोजित किए गए।
6 सितंबर को भी हई थी पूजा
कन्नन ने कहा कि विशेष प्रार्थना भारतीय वैज्ञानिक कार्यक्रम को आगे बढ़ने के लिए उनका योगदान है। 6 सितंबर को लैंडर विक्रम की चंद्रमा सतह पर निर्धारित लैंडिंग से पहले भी मंदिर में विशेष प्रार्थना और अभिषेकम आयोजित किए गए थे। मंदिर में पीठासीन देवता सोमा(चंद्रमा) हैं, जबकि मुख्य देवता भगवान शिव हैं। चंद्रनार मंदिर के कुंभकोणम के पास स्थित नवग्रह मंदिरों में से एक है। श्रद्धालु इन मंदिरों में प्रार्थना करते हैं ताकि उन्हें ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव से छुटकारा मिल सके। कन्नन के मुताबिक 500 श्रद्धालु प्रतिदिन चंद्रनार मंदिर आते हैं। वहीं, सोमवार को इनकी संख्या लगभग पांच हजार तक पहुंच जाती है।