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7 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह को नोटिस, 22 मार्च को पेश होने का आदेश

प्रवर्तन निदेशालय ने वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में पिछले साल 5.6 करोड़ रुपए कीमत की संपत्ति भी जब्‍त की थी

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ स्पेशल कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान वीरभद्र सिंह को कोर्ट ने 22 मार्च को खुद पेश होने को कहा है। कोर्ट ने ये नोटिस 7 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भेजा है। स्पेशल जज संतोष स्नेही ने कहा कि शुरुआती जांच में आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं।

 पूर्व सीएम ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है

पूर्व सीएम ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है

आय से अधिक संपत्ति मामले में हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कांग्रेस के दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की। कोर्ट ने वीरभद्र सिंह को दो हफ्ते का समय देते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। दरअसल, पिछली सुनवाई में सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट के 31 मार्च 2017 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई को हिमाचल में जांच करने से पहले राज्य सरकार की सहमति लेनी होगी।

सीबीआई वीरभद्र सिंह से पूछताछ कर चुकी है

सीबीआई वीरभद्र सिंह से पूछताछ कर चुकी है

प्रवर्तन निदेशालय ने वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में पिछले साल 5.6 करोड़ रुपए कीमत की संपत्ति भी जब्‍त की थी। इस मामले में सीबीआई भी वीरभद्र सिंह से पूछताछ कर चुकी है। जांच में पाया गया था कि वीरभद्र सिंह ने केंद्र में इस्पात मंत्री के रूप में 2009-2011 के बीच अपने कार्यकाल के दौरान अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम 6.03 करोड़ रुपए जमा किए थे, जो कि उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक रकम थी।

सीबीआई ने मारा था छापा

सीबीआई ने मारा था छापा

26 सितंबर 2015 को सीबीआई ने वीरभद्र के शिमला स्थित निजी आवास हॉली लॉज पर छापा मारा था। उस समय वह हिमाचल के सीएम हुआ करते थे तथा उनकी बेटी की शादी थी। सीबीआई ने बिना प्रदेश सरकार को बताए ही छापा मार दिया था। उसे चैलेंज करने के लिए वीरभद्र हाईकोर्ट तक चले गए थे, वहां से मामला दिल्ली हाईकोर्ट शिफ्ट हो गया था। हाईकोर्ट के निर्णय को ही सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे डाली थी। वीरभद्र पर आरोप है कि उन्होंने केंद्रीय इस्पात मंत्री रहते हुए आय से ज्यादा प्रॉपर्टी जुटाई। याद रहे कि हिमाचल बीजेपी ने वर्ष 2014 में सीबीआई के तत्कालीन डायरेक्टर रंजीत सिन्हा को एक पत्र भेजा था।

निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के एवज में करोड़ों रुपए लेने का आरोप

निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के एवज में करोड़ों रुपए लेने का आरोप

वीरभद्र पर एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के एवज में करोड़ों रुपए लेने का आरोप लगाया गया था। पत्र में कहा गया था कि वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने मंडी संसदीय क्षेत्र से उपचुनाव लड़ने के लिए डेढ़ करोड़ रुपए लिए थे। वहीं, कंपनी ने वीरभद्र के खाते में 2 करोड़ 40 लाख रुपए जमा कराए थे। मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी के अलावा नौ और लोगों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का आरोप है। इस मामले में सीबीआई ने सभी आरोपियों के खिलाफ अप्रैल 2017 में ही मामला दर्ज कर चुकी है। सीबीआई ने इन सभी लोगों के खिलाफ धारा 109ए 465ए और 471 के अलावा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों के तहत चार्जशीट दायर की है।

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English summary
special court summoned former Himachal Pradesh cm Virbhadra Singh, his wife in an around Rs 7-crore money laundering case
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