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राम रहीम को सजा सुनाने वाले जज जगदीप सिंह का बच्चियों की अस्मत से खेलने वालों पर एक और बड़ा फैसला

राम रहीम को सजा सुनाने वाले जज जगदीप सिंह का एक और बड़ा फैसला

By Rizwan
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रोहतक। हरियाणा के रोहतक में अपना घर अनाथालय में बच्चियों से दुष्कर्म और शोषण के मामले में पंचकूला की सीबीआई कोर्ट ने नौ दोषियों को शुक्रवार को सजा सुनाई है। पांच साल पुराने इस मामले में अदालत ने संचालिका समेत तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन को सजा सुनाने वाले जज भी वहीं हैं, जिन्होंने बीते साल राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई थी। मई 2012 में इस अनाथालय से 120 लड़कियों को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने मुक्त कराया था। यहां बच्चियों से रेप, गर्भपात और बच्चों को बेचे जाने का मामला सामने आया था। सीबीआई की विशेष अदालत ने नौ आरोपियों को 18 अप्रैल को दोषी करार दिया था।

जज जगदीप सिंह ने तीन को सुनाई उम्रकैद की सजा

जज जगदीप सिंह ने तीन को सुनाई उम्रकैद की सजा

अगस्त 2017 को डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बलात्कार के मामले में 20 साल के कारावास की सजा सुनाने वाले विशेष सीबीआई जज जगदीप सिंह ने शुक्रवार को रोहतक के 'अपना घर' यौन शोषण मामले में सजा सुनाई। एक बार फिर जगदीप सिंह की अदालत से नौ आरोपियों को कड़ी सजा मिली है। जिसमें तीन को उम्रकैद दी गई है। जगदीप सिंह अपने कड़े फैसलों के लिए जाने जाते रहे हैं।

नौ को सुनाई गई सजा

नौ को सुनाई गई सजा

सीबीआई अदालत ने अनाथालय की संचालिका जसवंती देवी, उसके दामाद जय भगवान और ड्राइवर सतीश को उम्रकैद की सजा सुनाई है। संचालिका के भाई जसवंत को सात साल की सजा सुनाई गई है। मामले में अन्य दोषी जसवंती देवी की बेटी सुषमा, बहन शीला, सहयोगी रोशनी, रामप्रकाश सैनी और वीना की सजा जेल में रहते हुए ही पूरी हो गई है। अदालत ने उनकी सजा अंडरगोन कर दी।

अनाथालय के नाम पर अपना घर की करतूतों से हिल गया था देश

अनाथालय के नाम पर अपना घर की करतूतों से हिल गया था देश

रोहतक में अपना घर नाम से एक एनजीओ अनाथालय चलाती थी अनाथालय में बच्चियों से अवैध काम करवाने की सूचना यहां से भागी दो लड़कियों ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम को दी थी जिसके बाद आयोग की टीम ने 9 मई 2012 को छापा मारकर 120 लड़कियों को यहां से छुड़ाया। जून 2012 को जांच सीबीआई को सौंप दी गई।

पीड़िताओं ने अदालत के सामने बताई थी अपना घर की यातनाएं

पीड़िताओं ने अदालत के सामने बताई थी अपना घर की यातनाएं

मुकदमे के दौरान 121 गवाहों की गवाही हुई। इनमें 12 पीड़ित लड़कियों की गवाही महत्वपूर्ण रही क्योंकि उन्होंने मुख्य आरोपी की पहचान की और अपना घर में उनके प्रवास के दौरान हुए अत्याचारों को बताया।

अदालत में 20 साल की लड़की ने गवाही में बताया कि संचालिका जसवंती देवी के भाई जसवंत और दामाद जय भगवान अपना घर लगातार आते थे, इन दोनों और इनके ड्राइवर सतीश ने उसके साथ अनाथालय के सेंट्रल हॉल में कई बार बलात्कार किया।

एक दिव्यांग लड़की (जो बोल नहीं सकती थी) दुभाषिया के माध्यम से अदालत में बताया कि जय भगवान ने उससे बार-बार बलात्कार किया, जिससे वो गर्भवती हो गई। उसने बच्चे को जन्म दिया तो उसके बच्चे को बेच दिया गया। मानसिक रूप से विक्षिप्त पुरुष ने भी यौन शोषण की बात अदालत में कही।

एक और नाबालिग पीड़ित ने अदालत से बताया सतीश अपना घर आता था और उसे पकड़कर उसके निजी अंगों में अपनी उंगली डालता था। उसने इसकी जसवंती ने की तो उसको ही मारा गया और उसे चुप रहने के लिए कहा गया।

अपना घर में पाप की सजा: गूंगी लड़की से किया रेप, गर्भवती हुई और फिर बच्चे को भी बेचाअपना घर में पाप की सजा: गूंगी लड़की से किया रेप, गर्भवती हुई और फिर बच्चे को भी बेचा

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English summary
special cbi judge jagdeep singh verdict on Apna Ghar rohtak case
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