इस गांव में बच्चा बच्चा बोलता है संस्कृत, देश विदेश लोग आते हैं सीखने
नई दिल्ली। कर्नाटक में एक ऐसा गांव है जहां पर संस्कृत में बातचीत की जाती है। यहां पर लोग देवभाषा का खूब तेजी से इस्तेमाल करते हैं। यहां पर न जाति का कोई बंधन है और न ही धर्म की कोई सीमाएं हैं। हिंदू हो या मुस्लिम सब भाईचारे की परिभाषा देते हैं और संस्कृत में ही बात करते हैं। यहां के इस अजूबे को देखकर हैरान रह जाता है।
इस गांव में लोग काफी दूर से यहां पर इस खास सब्जेक्ट की पढ़ाई करने आते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस गांव में न तो कोई रेस्तरां है और न ही कोई गेस्ट हाउस। उसके बाद भी यहां पर ठहरने वालों की कोई कमी नहीं है। मेहमानों का स्वागत हाथ फैलाकर किया जाता है। आज भी यहां मेहमान को भगवान दर्जा दिया गया है और अतिथि देवो भव की कहावत को कायम रखा गया है।
गांव के लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में संस्कृत भाषा का ही प्रयोग करते हैं। यहां के लोग दावा करते हैं कि जिन्हें संस्कृत नहीं आती, वो यहां पर केवल एक माह के भीतर ही इस भाषा को सीख सकते हैं। यह बात भी बड़ी गजब है कि इस गांव देश विदेश हर जगह पॉपुलैरिटी हासि ल है।