ठंड से मर रहे हैं बच्चे और विदेशी डांसरों के ठुमकों का मजा ले रहे हैं अखिलेश और मुलायम
यहां भी लोगों का दर्द खत्म नहीं हुआ। पीडि़त जमा देने वाली ठंड में कंपकंपा रहे हैं। मगर हालात वैसे के वैसे ही हैं, सरकार उस वक्त भी संवेदहीन थी और इस वक्त भी। जी हां मुजफ्फरनगर में फैले मातम और दर्द को प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव भूल गये हैं और सैफई महोत्सव में रंगारंग कार्यक्रम का आनंद ले रहे हैं। कम कपड़ों में बॉलीवुड हसिनाओं के रंगारंग कार्यक्रम, विदेशों से बुलाई गईं डांसरों के ठुमके और कॉमेडी के बादशाह कपिल शर्मा के कॉमेडी ने अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव को इस कदर फंसा दिया कि उनका ध्यान मुजफ्फरनगर दंगों पर गया ही नहीं और वो महोत्सव में बैठकर खिलखिलाते रहे।
जी हां, यही सच है। इस समय ठंड अपने चरम पर है। यूपी सरकार हमेशा की तरह इन दिनों सैफई महोत्सव मना रही है। सैफई महोत्सव से शायद किसी को कोई परेशानी नहीं, लेकिन जब प्रदेश के बहुत से लोग मुसीबत में हों और मुखिया रंगारंग कार्यक्रम करवा रहे हों तो फिर सवाल उठने लाजिमी हैं। इस बात का बचाव करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यह तो दशकों पुरानी समाजवादी पार्टी की परंपरा है।
उन्होंने मीडिया पर ठिकरा फोड़ते हुए कहा कि मुझे पता है कि आप लोग यहां फेस्टिवल को कवर करने नहीं आए बल्की एक विंडो में राहत शिविरों की स्थिती दिखाएंगे तो दूसरी विंडो में फेस्टिवल की खुर्खियां दिखाओगे। राज्य सरकार का कहना है कि दंगा पीडितों के राहत कार्यों में अभी तक 95 करोड़ रूपए खर्च हो चुके हैं लेकिन यह नहीं बताया गया कि सैफई महोत्सव में कितना खर्च किया गया है।
मालूम हो कि अब तक राहत शिविरों में रह रहे 34 बच्चों की ठंड की वजह से मौत हो चुकी है। शिविरों में रह रहे हजारों शर्णार्थी ठंड से कांपते हुए प्रदेश सरकार से आशा लगाए हुए है कि उन्हें जल्द से जल्द अपने घरों में वापस लौटाया जाएगा लेकिन प्रदेश के मुखिया तो लड़कियों का डांस और कॉमिडियन्स की कॉमेडी देखकर खिलखिला रहे हैं।