अंकल 'अमर' का करारा वार, कहा- अखिलेश यादव ने 'औरंगजेब' की तरह पिता मुलायम से पद छीना
लखनऊ। बीएसपी सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच सियासी दोस्ती के टूटने के बाद अखिलेश यादव लगातार अंकल अमर सिंह के निशाने पर हैं। सपा के लिए बीता हुआ कल बन चुके अमर सिंह ने अखिलेश यादव की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब से की है, जिसने अपनी ताजपोशी के लिए पिता बहादुर शाह जफर को जेल में डाल दिया था, अमर सिंह ने मुलायम सिंह यादव को बहादुर शाह जफर बताया है।
'ऐसा कोई सगा नहीं जिसे तुमने ठगा नहीं'
मंगलवार को अमर सिंह ने ट्वीट कर कहा कि समाजवादी पार्टी के आज के राजनीतिक परिदृश्य में मैं बहादुर शाह जफर को याद कर रहा हूं जिसका अंत मुलायम सिंह यादव की तरह बेहद दुखद रहा था। अखिलेश यादव औरंगजेब की तरह से हैं जिसने अपने पिता को केवल इसलिए जेल में डाल दिया था ताकि उसकी ताजपोशी को कोई खतरा न हो। साथ ही अमर सिंह ने मायावाती की बात का समर्थन करते हुए कहा कि हां अखिलेश यादव मुस्लिम विरोधी हैं। आने वाली पीढ़ियां अखिलेश यादव को कहेंगी कि ऐसा कोई सगा नहीं जिसे अखिलेश बेटा तुमने ठगा नहीं।
|
'जो बाप का ना हुआ बुआ का क्या होगा'
इससे पहले सपा के पूर्व नेता अमर सिंह ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा था कि 'जो अपने बाप नहीं, वो बुआ का क्या होगा', अखिलेश यादव आधुनिक काल के कालिदास हैं, वे जिस डाल पर बैठते हैं उसी को काट देते हैं, उन्होंने कहा कि जब अखिलेश यादव ने बबूल का पेड़ बोया है तो उनको आम कहां से मिलेगा। अमर सिंह ने कहा कि मायावती मतलब निकल जाने के अखिलेश यादव को पहचान नहीं रही हैं।
|
किसी इंजीनियर का अगर लगातार प्रयोग विफल हो तो...
वैसे ये कोई पहला मौका नहीं है जब अमर सिंह ने इस तरह की टिप्पणी अखिलेश यादव पर की है, उन्होंने इससे पहले भी जब बसपा प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ते हुए उपचुनाव में अकेले उतरने का ऐलान किया था तो अमर सिंह ने कहा था कि नई खोजों के लिए इंजीनियरिंग मुफीद है लेकिन किसी इंजीनियर का अगर लगातार प्रयोग विफल हो तो वह अक्षम माना जाता है, कांग्रेस के बाद मायावती और अन्य के साथ गठबंधन... बेटा अखिलेश तुम हर किसी के लिए मुसीबत लाते हो, सफलता का एक मात्र तरीका आपका अपना व्यक्तित्व और कड़ी मेहनत है।
मायावती ने एसपी से तोड़ा गठबंधन
लोकसभा चुनाव 2019 में मिली करारी शिकस्त के बाद सपा और बसपा यानी कि अखिलेश यादव और मायावती का गठबंधन टूट गया है, साल 2014 में जीरो सीट पाने वाली बहुजन समाज पार्टी ने इस बार के चुनाव में 10 सीटें अपने नाम की है, बावजूद इसके मायावती ने इस गठबंधन को तोड़ दिया और तो और रविवार को उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रूखे बर्ताव पर भी टिप्पणी कर डाली और कहा कि अखिलेश तो मेरा फोन तक नहीं उठाते हैं, एसपी के लोगों ने चुनाव में धोखा दिया कई जगहों पर बीएसपी को एसपी के नेताओं ने हराने का काम किया है, उन्होंने आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ने की घोषणा भी की।
यह पढ़ें: आखिरकार सामने आया सुनैना रोशन का मुस्लिम प्रेमी, जिसे राकेश रोशन ने कहा था 'आतंकी'