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मायावती ने गठबंधन से क्यों किया कांग्रेस को आउट, ये रही असल वजह

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नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने लिए 23 साल पुरानी दुश्मनी भुलाकर सपा-बसपा एक बार फिर गठबंधन का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। 1993 में मुलायम-कांशीराम की जोड़ी ने बीजेपी को पटखनी दी थी। अब 2019 में बीजेपी को हराने के लिए अखिलेश-मायावती की जोड़ी तैयार है। शनिवार को दोनों नेताओं ने इसी आधिकारिक घोषणा कर दी। प्रेस कॉन्फ्रेस में मायावती ने साफ कर दिया कि वह कांग्रेस के साथ किसी भी राज्य में गठबंधन नहीं करेंगी। उन्होंने 1996 के और 2017 के चुनावों का जिक्र करते हुए कांग्रेस के गठबंधन नहीं करने की वजह भी बताई।

कांग्रेस पार्टी के साथ सपा-बसपा गठबंधन को फायदा नहीं है

कांग्रेस पार्टी के साथ सपा-बसपा गठबंधन को फायदा नहीं है

मायावती ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। प्रेस कॉन्फ्रेस में मायावती ने बताया कि, उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन क्यों नहीं किया। मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के साथ सपा-बसपा गठबंधन को फायदा नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस के साथ गठबंधन से उनकी पार्टी का वोट पूरी तरह से सपोर्ट में नहीं आ पाता है और उनकी जगह ये बीजेपी के पास चला जाता है। इनके लिए सीटें छोड़नी पड़ती है उसका फायदा कहीं ना कहीं बीजेपी को चला जाता है। उन्होंने इसके लिए 2017 यूपी विधानसभा और 1996 में हुए चुनाव का जिक्र भी किया। दोनों ही चुनावों में कांग्रेस से गठबंधन हुआ था, जिसके नतीजे सभी के सामने हैं।

1996 के चुनाव में बसपा को कोई खास फायदा नहीं हुआ

1996 के चुनाव में बसपा को कोई खास फायदा नहीं हुआ

अगर हम बात 1996 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की करें तो इस चुनाव में बसपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। बसपा और कांग्रेस के गठबंधन ने इस चुनाव में 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। 1996 में आरएलडी (राष्ट्रीय लोकदल) का कांग्रेस पार्टी में ही विलय करा दिया था। इस चुनाव में कांग्रेस को 29.13% के साथ 33 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। 34 सीटें बसपा के खाते में आईं। इसमें वोट प्रतिशत के हिसाब से सीधा फायदा कांग्रेस को हुआ। लेकिन बसपा को कोई खास फायदा नहीं हुआ। वह अपने पंरापरागत वोटों के आधार पर 34 सीटें जीतने में सफल रही। हालांकि 1996 में बीजेपी के सहयोग मायावती मुख्यमंत्री की गद्दी पाने में सफल रही।

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2017 में समाजवादी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की कीमत चुकाई

2017 में समाजवादी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की कीमत चुकाई

इसके बाद 2017 में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच यूपी के विधानसभा चुनावों में गठबंधन हुआ। इस गठबंधन की कीमत समाजवादी पार्टी को बुरी तरह चुकानी पड़ी। सपा का 2012 के 29.2 % के मुकाबले 2017 में कुल वोट शेयर 22.0 % रह गया। वहीं कांग्रेस का वोट प्रतिशत 2012 में 11.6 प्रतिशत था , सपा के साथ गठबंधन के बाद उसके वोट शेयर में भी भारी गिरावट हुई। कांग्रेस का वोट प्रतिशत 6.3 % रह गया। इस गठबंधन को 2017 में 12 प्रतिशत के अधिक मत प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। जिसका सीधा असर हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में देखने को मिला। एमपी, राजस्थान में दोनों पार्टियां कांग्रेस से अलग चुनाव लड़ीं।

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English summary
SP BSP alliance mayawati congress 1996 and 2017 assembly elections Akhilesh Yadav
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