तय तारीख से दो दिन पहले पहुंचा मानसून, मुंबई-गुजरात को लेकर जारी हुआ ये बड़ा अलर्ट
चुभती गर्मी के बीच आखिरकार मानसून भारत की धरती पर पहुंच गया है...
नई दिल्ली। चुभती गर्मी के बीच आखिरकार मानसून ने शनिवार को केरल में दस्तक दे दी और इसके साथ ही झमाझम बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि भारतीय मौसम विभाग ने पहले भविष्यवाणी की थी कि इस साल केरल में मानसून 5 जून को पहुंचेगा। इसके बाद गुरुवार को मौसम विभाग ने कहा कि 1 जून को केरल में मानसून पहुंचने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बन रही हैं। लेकिन, मानसून इस नई तय तारीख से दो दिन पहले ही पहुंच गया है। मौसम की भविष्यवाणी करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने शनिवार को ट्वीट करते हुए मानसून के केरल पहुंचने की जानकारी दी।
'चार महीने तक चलने वाला उत्सव शुरू'
स्काईमेट ने शनिवार को ट्वीट करते हुए बताया, 'आखिरकार साल 2020 का दक्षिण-पश्चिमी मानसून भारत की धरती पर पहुंच गया है। मानसून ने तय तारीख से पहले ही केरल में दस्तक दे दी है। सभी तरह की शुरुआती स्थितियां जिनमें बारिश, ओएलआर वैल्यू, हवा की रफ्तार आदि मेल खा रही हैं। आखिरकार भारतीयों के लिए चार महीने तक चलने वाला उत्सव शुरू हो गया है। हैप्पी मानसून।' हालांकि भारतीय मौसम विभाग की तरफ से मानसून के पहुंचने को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
मुंबई में 2 से 4 जून के बीच भारी बारिश
स्काईमेट के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र में जल्दी ही एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। यह क्षेत्र बाद के 48 घंटों में डिप्रेशन या फिर डीप डिप्रेशन को तेज करेगा। इसके साथ ही यह सिस्टम उत्तर की ओर भी बढ़ेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि मौसम का यह सिस्टम एक जून को गोवा, 2 जून को मुंबई और 3 जून को दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के बीच कैंबे की खाड़ी में पहुंच जाएगा। इसके चलते मुंबई में 2 से 4 जून के बीच भारी बारिश के आसार हैं। 3 जून को यहां बारिश अपने चरम पर होगी।
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गुजरात के इन इलाकों में भारी बारिश
इस दौरान कोंकण और गोवा के तटों पर काफी तेज हवाएं चलेंगी। साथ ही दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के पूर्वी इलाकों में भारी वर्षा की उम्मीद है। स्काईमेट ने गुजरात के वापी, वलसाड, नवसारी, सूरत, अंकलेश्वर, बारुच, भावनगर, महुआ, वेरावल, आणंद, गोधरा, खेड़ा, वडोदरा, गांधीनगर और अहमदाबाद में बहुत भारी बारिश के साथ स्थानीय स्तर पर बाढ़ की भी आशंका जताई है। इनके अलावा मेहसाणा, पालनपुर, पाटन, और बनासकांठा में भी भारी बारिश के आसार हैं। बारिश के चलते तापमान में गिरावट आएगी और साथ ही प्रदेश में गर्म हवाओं का दौर खत्म हो जाएगा।
पिछले साल सुस्त थी मानसून की रफ्तार
गौरतलब है कि पिछले साल, यानी 2019 में मानसून ने देरी करते हुए 8 जून को केरल के तटों पर दस्तक दी थी। इसके बाद देश के बाकी हिस्सों में भी इसकी रफ्तार सुस्त बनी रही, जिससे जून में सामान्य से कम बारिश हुई। हालांकि इस साल सीजन की पहली छमाही में संभावनाएं बेहतर दिख रही हैं। इस बार मौसम विभाग ने मानसून के आने और जाने में होती रही देरी को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग क्षेत्रों में 'मानसून की शुरुआत और वापसी' की तारीखों को संशोधित भी किया है।
समय से पहले देश को कवर करेगा मानसून
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने बताया कि राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान के नेटवर्क में 3,500 रेन गेज स्टेशन हैं, जिनके जरिए 1961 से 2019 के बीच के बारिश के आंकड़ों का अध्ययन करते हुए मानसून की शुरुआत और वापसी की तारीखों को संशोधित किया गया है। उदाहरण के तौर पर, जालंधर जैसे शहरों में मानसून की शुरुआत की तारीख 13 जुलाई थी, लेकिन आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर अब यहां मानसून पहुंचने की तारीख बदलकर 28 जून की गई है। इससे इस बात के भी संकेत मिलते हैं कि इस साल देश के एक बड़े हिस्से में मानसून समय से पहले पहुंच जाएगा।
राजस्थान में भी पहले की अपेक्षा जल्दी शुरू होगी झमाझम बारिश
मौसम विभाग ने बताया, 'हमारे विश्लेषण के मुताबिक, मध्य और पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में, मानसून के पहुंचने में 3 से 7 दिन की देरी होगी, लेकिन ठीक उसी समय मानसून राजस्थान के क्षेत्रों में पहले की अपेक्षा जल्दी सक्रिय हो जाएगा। इससे भी जरूरी बात यह है कि इस साल मानसून पूरे देश में एक हफ्ते पहले सक्रिय हो रहा है। मानसूनी बारिश सामान्य रूप से 14 जुलाई तक देश के पूरे हिस्से को कवर कर लेती है। लेकिन, इस बार यह सात दिन पहले ही पूरे देश को कवर कर रही है। इसी तरह भोपाल में मानसूनी बारिश की शुरुआत के समय को बदलकर 15 जून से 22 जून किया गया है।'
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