बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को सौरभ गांगुली ने किया खारिज, कहा- राजनीति में जाने का इरादा नहीं
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने मंगलवार को उन अटकलों को खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि, वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। सौरभ गांगुली ने कहा कि, मैं पहली बार अमित शाह से मिला हूं। मेरा राजनीति में जाने का कोई इरादा नहीं है। दरअसल शनिवार को अमित शाह ने सौरभ गांगुली से मुलाकात की थी। जिसके बाद ऐसा अटकलें शुरू हो गई थीं।
सौरभ गांगुली ने कहा कि, जब मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता दीदी से मिला था तब भी मैंने ऐसे ही राजनीतिक सवाल सुने थे। उन्होंने कहा, 'मैं पहली बार अमित शाह से मिला था। न तो मैंने इसके बारे में कोई सवाल पूछा कि बीसीसीआई में क्या होने जा रहा है और मुझे पद मिल रहा है या नहीं और ना ही वहां ऐसी कोई चर्चा हुई कि 'आपको यह (बीसीसीआई अध्यक्ष पद) तभी मिलेगा अगर आप वह करने पर राजी होंगे। इसलिए इस वक्त कोई राजनीतिक गतिविधि नहीं है।
गौरतलब है कि बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिये गांगुली इकलौते उम्मीदवार हैं, इसलिये उनका निर्वाचन तय है। शाह ने शनिवार को गांगुली से मुलाकात की थी जिससे ये अटकलें लगने लगी कि पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान को बीसीसीआई अध्यक्ष पद की पेशकश इस बदले में की गई कि वह 2021 में महत्वपूर्ण पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे।
अमित शाह के बेटे जय शाह बीसीसीआई के नये सचिव होंगे और अरुण धूमल नये कोषाध्यक्ष होंगे। धूमल वित्त राज्यमंत्री और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के छोटे भाई हैं। पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने सोमवार को कहा था कि अगर गांगुली राजनीति में आ जाते हैं तो इससे राजनीति समृद्ध होगी। उन्होंने कहा था, गौतम गंभीर भाजपा में शामिल हुए। भाजपा के दरवाजे हर किसी के लिए खुले हैं।
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