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सोनू सूद ने वॉरियर आजी की मदद में बढ़ाए हाथ, पुणे में मार्शल आर्ट्स-सेल्फ डिफेंस स्कूल खोला

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नई दिल्ली- पिछले महीने 85 साल की एक बुजुर्ग महिला सड़कों पर लाठी-काठी खेलती नजर आ थी और उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। गुजर-बसर करने के लिए इतनी बुजुर्ग महिला की लट्ठबाजी देखकर सब हैरत में पड़ गए थे। उन्हें देशभर के लोगों से तारीफें मिलीं। सड़क किनारे उनके हुनर को देखकर बॉलीवुड की कुछ हस्तियों ने भी उनकी जमकर सराहना की। कई लोग आजी शांता पवार उर्फ वॉरियर आजी नाम की उस बुजुर्ग खिलाड़ी की लाठी-काठी की कला से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उनकी ओर मदद का हाथ बढ़ाया। लेकिन, बॉलीवुड से उन्हें मिली सहायता में फिर बाजी मारी है, लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने से उनके मसीहा बने अभिनेता सोनू सूद।

सोनू सूद बेटे की वजह से मेरा अरमान पूरा हुआ- वॉरियर आजी

सोनू सूद बेटे की वजह से मेरा अरमान पूरा हुआ- वॉरियर आजी

अभिनेता सोनू सूद वॉरियर आजी की मदद के लिए भी दिल खोलकर सामने आए हैं। प्रवासी मजदूरों के मसीहा सूद ने आजी शांता पवार को पुणे में एक मार्शल आर्ट और सेल्फ-डिफेंस स्कूल खोलने में सहायता की है। यहां पर वॉरियर आजी ने बच्चों को अपनी कला की ट्रेनिंग देना शुरू भी कर दिया है। सूद ने वॉरियर आजी शांता पवार के लिए यह मार्शल आर्ट्स स्कूल खोलने के लिए गणेश चतुर्थी का पवित्र दिन चुना, ताकि वो बच्चों और महिलाओं को सेल्फ-डिफेंस की तकनीक सिखा सकें। दिलचस्प बात ये है कि वॉरियर आजी ने सोनू सूद के प्रति अपना आभार जताने के लिए उन्हीं के नाम पर अपने मार्शल आर्ट्स स्कूल का नाम भी रख दिया है। उन्होंने सूद को धन्यवाद जताते हुए कहा, "नमस्कार सोनू सूद बेटे को...मेरा जो अरमान था इस लाठी-काठी के लिए बच्चों को सिखाने का एक अरमान था तो वो अरमान मेरा पूरा हो गया है और वो अरमान मेरा सोनू सूद बेटे ने पूरा किया है।.... और उसका नाम मैं रखने वाली हूं सोनू सूद। मैं बहुत ही खुश हूं....नमस्कार करती हूं....।"

इस टैलेंट को प्लेटफॉर्म मिलना चाहिए था- सोनू सूद

इस टैलेंट को प्लेटफॉर्म मिलना चाहिए था- सोनू सूद

सोनू सूद ने इनका वीडियो देखते ही ट्विटर पर उनकी मदद करने का वादा किया था। उनके लिए सेल्फ-डिफेंस स्कूल खोलने के बारे में सोनू सूद ने बॉलीवुड टाइम्स से कहा है कि 'जब आप ऐसे टैलेंट को देखते हैं, आप चाहते हैं कि यह दूसरे लोगों तक भी पहुंचे। इस उम्र में वह महिला इतने लोगों को प्रेरित कर सकती है, जिसमें लोग यह कहते सुने जाते हैं कि 'मेरी तो उमर हो गई है, मुझे कुछ नहीं करना।' मैंने सोचा कि उन्हें एक प्लेटफॉर्म मिलना चाहिए और इस टैलेंट को आगे बढ़ाने के लिए स्कूल से बेहतर क्या हो सकता है।'

मैं चाहता था आजी के नाम पर हो स्कूल- सूद

मैं चाहता था आजी के नाम पर हो स्कूल- सूद

वॉरियर आजी की ओर से स्कूल का नाम अपने नाम पर रखे जाने के बारे में सूद ने कहा, 'मैं चाहता था कि स्कूल का नाम उनकी नाम पर हो, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह इसे सोनू सूद मार्शल आर्ट्स स्कूल कहेंगी। जब मैंने पहली बार उनको इसका आइडिया दिया तो वो बहुत ही उत्साहित होकर कहने लगीं कि वह हमेशा अपना एक ट्रेनिंग स्कूल खोलना चाहती थीं। इसलिए हमलोग उसका खर्च उठा रहे हैं और आजी अपने स्टूडेंट से मामूली फी लेकर कमाई कर सकती हैं और अपनी जिंदगी गुजार सकती हैं। वह चाहती थीं कि ओपनिंग के लिए मैं जाऊं। वो मुझे बेटा कहती हैं। मैंने उनसे वीडियो कॉले से संपर्क किया था। मुझे मुंबई में बहुत सारा काम था। और खुलकर कहता हूं कि यह उनका स्कूल है और मैं उनके बड़े दिन पर पहुंचकर उनसे यह अटेंशन नहीं लेना चाहता था।'

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English summary
Sonu Sood extends his hand in helping Warrior Aaji, opens martial arts-self-defense school in Pune
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